पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का मालधन में हो सकता हैं विरोध। कांग्रेस को हो सकता हैं नुकसान।

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संवाददाता- सलीम अहमद साहिल

राममगर। मालधन में 3 दिसंबर को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आ रहे है एक सामुहिक चौपाल लगाने के लिए लेकिन मालधन में अभी से विरोध के सुर उठने शुरू हो गए है। आईये हम आपको बताते हैं कि हरीश रावत का क्यो हो सकता हैं मालधन में विरोध। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निजी सचिव के द्वारा जो भ्रमण कार्यक्रम का जो रोस्टर जारी किया गया हैं उसमें मालधन को दलित गांव के नाम से प्रकाशित किया गया। मालधन की जनता का कहना हैं कि कांग्रेस के बड़े नेता भी अब भाजपा की तरह हमे दलित बता कर हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाना चाहते हैं। इसका खामयाजा कांग्रेस आने वाले समय मे जरूर भुगतेगी भाजपा ने हमेशा ही दलितों का शोषण किया है। और हरीश रावत भी भाजपा के नक्शे कदम पर चलते नजर आ रहे है। यहाँ आपको ये भी बताते चले कि मालधन के कार्यक्रम में कांग्रेस की गुटवाजी भी साफ देखने को मिल रही हैं। हरीश रावत के मालधन में कार्यक्रम की सूचना रामनगर कांग्रेस कमेटी को भी नही दी गई हैं। और कुछ दिन पूर्व ही मालधन ब्लॉक अध्यक्ष ओम प्रकाश के बड़े भाई ओर रामनगर विधानसभा से मात्र एक कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य कुमारी मीरा के पिता तारा चंद जी का अकस्मिक निधन हो गया था ओर दोनों ही मालधन के लोकप्रिय नेता हैं जिसको देखते हुए कांग्रेस संगठन ने मालधन के सभी प्रोग्राम 4 दिसम्बर तक निरस्त कर दिए थे ऐसे में अचानक से हरीश रावत खेमे के मालधन में पर्सनल प्रोग्राम ने मालधन की जनता में हलचल मचा दी हैं और ये हलचल साफ दर्शाती हैं कि कांग्रेस की गुटवाजी किस हद तक गुजर चुकी हैं वही राजनीतिक ज्ञाताओं का ये भी कहना हैं की कांग्रेस की गुटवाजी के चलते हरीश रावत खेमे ने मालधन के कार्यक्रम रोस्टर में जानबूझकर दलित शब्द का प्रयोग किया हैं ताकि कांग्रेस को मालधन में चुनावी नुकसान हो सके। आज से पहले शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि किसी कांग्रेस के बड़े नेता के कार्यक्रम रोस्टर में मालधन को दलित गांव के नाम से प्रकाशित किया हो। मालधन में हरीश रावत के कार्यक्रम से कांग्रेस को कितना चुनावी नुकसान होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताया।

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