रोशनी पाण्डेय- सह सम्पादक
रुद्रपुर – कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत की नाराजगी के बाद जिला विकास प्राधिकरण ने रुद्रपुर शहर की 22 कालौनिया को अवैध घोषित कर दिया है।यह कालोनियां बिना नक्शे पास कराएं काटी जा रही है।अब इन कालोनियों को सील करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सिडकुल के निर्माण के बाद रुद्रपुर शहर में अवैध कालोनियों की भरमार हो गई है। जिला विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद से इन अवैध कालोनियों पर रोक लगाने की आस थी, लेकिन अभी तक यह आस असफल साबित हुई है। शुक्रवार को प्राधिकरण की बैठक में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने भी जिला विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई थी। प्राधिकरण की कार्यप्रणाली से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रुद्रपुर शहर में जिला विकास प्राधिकरण ने 22 कालौनियो को अवैध घोषित कर दिया है।
लेकिन इसके ध्वस्तीकरण की आज तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। इन कालोनियों में जिला विकास प्राधिकरण की नाक के नीचे खुलेआम प्लाट बेचें जा रहें हैं। बिना नक्शा पास कराएं और न ही भू उपयोग परिवर्तन कराया गया है। जिला विकास प्राधिकरण ने बीते दिनों शिमला बहादुर में एक कालौनी को ध्वस्त कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी थी। जिला विकास प्राधिकरण की नाक नीचे भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से कालौनियो में प्लाट बेचने का धंधा जोरों पर है। अधिकारी भी इस मामले पर मुंह बंद किए बैठे हैं।
इन 22 कालौनियो के खिलाफ कार्रवाई की फाइलें जिला विकास प्राधिकरण कार्यालय में धूल फांक रही है। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हरीश कांडपाल का तर्क है कि अवैध कालोनियों को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वही उनका कहना है कि जिन कालोनियो को अवैध घोषित किया गया है। उनको सील करने की कार्रवाई जल्द ही अमल में लाई जाएगी।