उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक
बरेली – अमृत विचार ट्रेन से रेस्क्यू की गईं नगालैंड की किशोरियों के मामले के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। किशोरियों का अपहरण कहीं मानव तस्करी के लिए तो नहीं किया गया था। उन्हें नशा देने वाला कौन था। इन सबके बारे में जीआरपी और आरपीएफ की टीमें पता लग रही हैं। ट्रेनों से इससे पहले भी बच्चों और किशोरों को रेस्क्यू किया गया है। अप्रैल 2022 से अब तक 10 माह में 88 बच्चों और किशोरों का रेस्क्यू किया गया है, जिसमें 11 फरवरी में ही किए गए हैं।
चाइल्ड लाइन और बचपन बचाओ आंदोलन के सदस्यों के साथ मिलकर ऐसे मामलों को गंभीरता से देख रहे हैं, ट्रेन में किसी नाबालिग के आने की सूचना पर हमारी टीम तत्काल प्रभाव से सक्रिय होती है।
आरपीएफ, रेलवे चाइल्ड लाइन व बचपन बचाओ आंदोलन के सदस्यों द्वारा कंट्रोल रूम की सूचना पर बच्चों को रेस्क्यू करने का कार्य किया जाता है। रेलवे चाइल्ड लाइन खुशबू जहां के मुताबिक अप्रैल 2022 से अब तक उनकी टीम ने 88 बच्चों को रेस्क्यू किया है। 11 नाबालिग केवल फरवरी में ही रेस्क्यू किये गये हैं।


