रोशनी पांडेय सह सम्पादक

देवो की भूमि उत्तराखंड और इस भूमि मे वास करते है, करोडो देवी देवता, सभी की अपनी अपनी मान्यता है, सभी हिन्दू पहाड़ी धर्म के लोग इसी माह जगह-जगह अपनें कुल देवी देवताओं की पूजा आराधना करते है, जो लोग प्रवासी है वो भी वर्ष मे ेएक बार इस देव भूमि मे अपनें बुजुर्गो द्वारा बनाये गए घरो को सजोने उनकी देख रेख करने आते है, वैसे तो अपनें देवी देवताओ की पूजा हर कोई प्रत्येक दिन अपनें घर पर करता है, परन्तु पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह माह सबसे उत्तम माना जाता है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नई फसल बोने से पहले पहाड़ो मे भूमिया देवता की पूजा की जाती है।
उसी मान्यता के आधार पर पम्पापुरी जो रामनगर शहर का सबसे पुराना बसा हुवा पहाड़ी क्षेत्र है,प्रत्येक वर्ष यहाँ भी भूमिया पूजन किया जाता है, लोग अपनें घरो से नई फसल से तीन सामग्री मे आटा, तेल और गुड़ से भूमिया पूजन करते आ रहे है,पूजन का कार्यक्रम सुबह 8 बजे से शुरू किया गया जिसमे इस बार पूजा के जजमान क्षेत्रीय सभासद भुवन सिंह डंगवाल व मोहन सिंह बिष्ट जी रहे, पूजा पश्चात क्षेत्रवासियो द्वारा दिए गए पूजन सामग्री से प्रशाद बनाया गया जिसमे पुवे व कसार (आटे से निर्मित मीठे पकोडे व हलवा)बनाया गया, कार्यक्रम मे सहयोग पम्पापुरी कल्याण समिति के अध्यक्ष गणेश रावत जी, पूर्व अध्यापक कुबेर अधिकारी जी ,पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर गिरीश मठपाल जी,पूरन चंद्र जोशी जी, योगेश्वर दत्त जोशी जी (पुजारी), नारायण दत्त ध्यानी जी, प्रमोद उपाध्याय जी,नवीन चंद्र सत्यवली जी,गुसाई सिंह बिष्ट जी, विनोद पाण्डेय जी व क्षेत्र के कई गणमान्य लोगो द्वारा दिया गया।कार्यक्रम को भव्य और सुन्दर तरीके से मनाया गया व सम्पन्न किया गया।
