उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक

जिला प्रशासन की अभिनव पहल एवं गीली मिट्टी फाउंडेशन के विशेषज्ञों द्वारा शत प्रतिशत गाँव से निर्मित मिट्टी से विकसित कर इको फ्रेंडली होम स्टे बनवाने का कार्य शुरू किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में अनियोजित पर्यटन विकास से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। मिट्टी से घर बनाने की आधुनिक तकनीक से जहां पर्यावरण सुरक्षित रहेगा वहीँ क्षेत्रीय जन समुदाय लाभान्वित होगा।
प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच गाँव जिसमे नैना देवी पक्षी, मुक्तेश्वर बेल्ट के कुछ गांवों को गोद लिया जाएगा, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा एक करोड़ रुपया स्वीकृत कर दिया गया है। इससे जहां एक और कुमाऊं की स्थानीय वास्तुकला और संस्कृति को पुनर्जीवित किया जा सकेगा।
वहीँ सामुदायिक पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा। इस प्रकार की योजना से पर्यटकों की आमद बढेगी जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार के अवसर मिलेगे। कुमाऊं को नेशनल पर्यटन हब पर अलग स्थान मिलेगा।
