रोशनी पाण्डेय – सह सम्पादक
पिछले पाँच महीनों से नगर में अन्नपूर्णा रसोई का संचालन कर रही है जिसमें किन्हीं भी कारणों से भोजन की व्यवस्था नहीं कर पा रहे लोगों को दोनों वक्त वक्त का भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। संस्था के संयोजक कथा व्यास शशांक भारद्वाज ने बताया कि रसोई संचालन का विचार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आया जब कई परिवारों में लगभग सभी सदस्य इसकी चपेट में आ गए और संक्रामक दर अत्यधिक होने के कारण पड़ोसियों और नातेदारों ने भी महामारी की चपेट में आये परिवारों से दूरी बना ली। ऐसे हालात में हरिशरणम सेवा समिति ने अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से इन परिवारों को इनकी पहचान गुप्त रखकर इन्हें भोजन पहुंचाना आरम्भ किया और तब से यहां पर लगातार रसोई का संचालन जारी है। कोरोना की लहर थमने पर अब रसोई में आर्थिक रूप से विपन्न और बेघर लोगों के लिए भोजन व्यवस्था निरन्तर जारी है। अभी चल रहे श्राद्ध पक्ष में समिति द्वारा ब्रह्मभोज की व्यवस्था की गयी जिसमें हर दिन स्थानीय ब्राह्मणों और आवासीय संस्कृत विद्यालय रामनगर के विद्यार्थियों को भोजन के लिए आमंत्रित किया गया। संसाधनों की उपलब्धता के बारे में सचिव शलभ मित्तल द्वारा बताया गया कि नगर और बाहर के भी कई सुधीजनों द्वारा उनके घरों में होने वाले वाले विशिष्ट आयोजनों के अवसर पर आर्थिक सेवा और सम्भव होने पर कारसेवा भी दी जाती है। इसके अतिरिक्त संस्था के सदस्य निरन्तर सेवा में समर्पित रहते है। उन्होंने आगे बताया कि समिति अपने इस सेवा कार्य को धर्मप्रेमी सुधीजनों की सहायता से निरन्तर जारी रखेगी और भोजन व्यवस्था से आगे बढ़कर सेवाकार्य का दायरा अन्य आवश्यक क्षेत्रों में बढ़ाने का प्रयत्न करेगी। इस दौरान संस्था के संयोजक कथा व्यास शशांक भारद्वाज, अध्यक्ष अनुज हुनदिवाल, सचिव शलभ मित्तल, संजीव मित्तल,कुलदीप अग्रवाल, बिशन शर्मा, विपिन वर्मा, विपिन अग्रवाल अशोक अग्रवाल सुनील देवल, नीरज देवल, ईशान अग्रवाल आदि उपस्थित थे।