मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षांत समारोह में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया।

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उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षांत समारोह में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग करते हुए उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से उच्च कोटि का व्यक्तित्व निर्माण करने में उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की अन्तर्निहित क्षमता एवं उनके व्यक्तित्व विकास के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

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विश्वविद्यालय को अपने पहले ही प्रयास में नैक द्वारा मूल्यांकन में बी ग्रेड प्राप्त हुआ वहीं दिव्यांगों के क्षेत्र में विशिष्ट कार्यों के लिये राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। यह उपलब्धियां विश्वविद्यालय के कुशल नेतृत्व और शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्मिकों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जो विद्यार्थी आज यहा से दीक्षा ले रहे हैं, अब वे जिस भी कार्य क्षेत्र में जायेंगे उस क्षेत्र में अपनी प्रतिभाओं से समाज को नेतृत्व प्रदान करेंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत अपनी प्राचीन शैक्षणिक व सांस्कृतिक पद्धति को केन्द्र में रखते हुए नये बदलाव की ओर अग्रसर है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने 21वीं सदी की आवश्यकता के अनुरूप नई शिक्षा नीति को अपनाया है। उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसने नई शिक्षा नीति को प्रभावकारी ढ़ंग से लागु करने का कार्य किया है। राज्य सरकार दुर्गम क्षेत्रों में उच्च शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ करने का कार्य कर रही है इसी को ध्यान में रखते हुए आईटी एकेडमी खोलने एवं देहरादून में ओपन विश्वविद्यालय के नवीन कैम्पस के निर्माण की घोषणा की गई है।

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ये घोषणाएं जल्द पूर्ण की जायेंगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए दूरस्थ शिक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है।

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