हरेले के शुभ अवसर पर पूर्व सैनिको द्वारा किया गया पौधारोपण।
उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक
उत्तराखंड के पर्वतीय त्यौहार हरेला जो की हरियाली का प्रतीक है, उत्तराखंड कृषि पर निर्भर रहा है और यह लोकपर्व इसी पर आधारित है, बीजों के संरक्षण खुशहाल पर्यावरण को भाव और भक्ति से जोड़ते हुए इस पर्व को उत्तराखंड के पूर्वजों ने आगे पीढ़ियों तक पहुंचाया है,हरेला पर्व के समय शिव और पार्वती की पूजा का विधान भी है, हरेला त्यौहार को गेड़ी चढ़ने का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग बांस की लकड़ी से गेड़ी बनाकर गेड़ी चढ़ते हैं,गेड़ी चढ़ने का आनंद ही अलग है,लोग इस दिन गेड़ी चढ़कर आनंद उत्सव भी बनाते हैं।
आज़ इस शुभ अवसर पर रामनगर पूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारियों व पूर्व सैनिको द्वारा रामनगर स्तिथ कोसी बायो डाइवर्टसिटी पार्क में ग्यारह पौंधे लगाकर इस त्यौहार को बड़े हर्षोल्लास के साँथ मनाया गया,पूर्व सैनिक संगठन रामनगर के सचिव भुवन सिंह डंगवाल द्वारा समिति के सभी पदाधिकारियों व वीर नारियो को इस कार्यक्रम हेतु निमंत्रण दिया गया था,जिस पर कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व सैनिक कल्याण एवम उत्थान समिति संगठन रामनगर के संरक्षक हर गोविन्द पांडे,अध्यक्ष कुलवंत सिंह, ब्लॉक प्रतिनिधि चंद्र मोहन मनराल व संगठन मंत्री भारत बंधु, रौतेला, जोशी के साँथ कई अन्य पूर्व सैनिक मौजूद रहे।
पौधरोपण करने के पश्चात पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष व सचिव द्वारा कल्पतरू अध्यक्ष अतुल मेहरोत्रा को धन्यवाद प्रेषित कर उनके द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान (पौंधरोपण) की भूरी भूरी प्रसंशा भी की।