“सड़क सुरक्षा पर जिलाधिकारी के महत्वपूर्ण निर्देश: अतिक्रमण चिन्हन, ओवरलोडिंग और मोबाइल फोन के उपयोग के खिलाफ कठिन कार्रवाई की दिशा में”।

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“सड़क सुरक्षा पर जिलाधिकारी के महत्वपूर्ण निर्देश: अतिक्रमण चिन्हन, ओवरलोडिंग और मोबाइल फोन के उपयोग के खिलाफ कठिन कार्रवाई की दिशा में”।

 

 उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

सड़क महकमा जनपद के सभी सड़कों का सेफ्टी ऑडिट एक माह के भीतर करना सुनिश्चित करेंगे।
सड़कों के पैचवर्क तेजी व गुणवत्तापूर्ण तरीके से किए जाय, पैचवर्क व गुणवत्ता का निरीक्षण उपजिलाधिकारी करेंगे।

 

 

जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने वृहस्पतिवार को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक लेते हुए सडक महकमे के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनपद के सभी सडकों का एक माह के भीतर अनिवार्य रूप से सेफ्टी ऑडिट कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़क पैचवर्क में गति लायें तथा कार्यो में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि सड़क पैचवर्क एवं सुधारीकरण कार्यो के आंगणन जो शासन में लंबित है, वहां वार्ता कर कार्यो हेतु धन आहरित कराना सुनिश्चित करें।

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जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सडकों मार्गो से अतिक्रमण चिन्हित करते हुए हटाना सुनिश्चित करें। उन्होंने परिवहन, पुलिस व राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे वाहनों के ओवर लोडिंग, ओवर स्पीड पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए नियमित छापेमारी कर,ें साथ ही नशे व वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने वालों के खिलाफ भी त्वरित कार्रवार्इ की जाय। उन्होंने कहा कि बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालको व नाबालिगों द्वारा वाहन चालने वालों के खिलाफ नियमित चालान की कार्रवार्इ की जाय। साथ ही विद्यालयों में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम अधिक से अधिक संचालित किए जाय। उन्होंने एआरटीओ व पुलिस को रात्रि गश्त भी बढाने के निर्देश दिए।

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बैठक के दौरान सचिव सड़क सुरक्षा समिति ने अवगत कराया कि सड़क मार्गो पर 82 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे, जिसके सापेक्ष 72 पर कार्यवाही की गयी है। बैठक में बताया गया कि ओवर लोडिंग में 61, ओवर स्पीड में 127, बिना हेलमेट पर 495, नशे में वाहन चालने पर 45 व वाहन चलाते समय मोबाइल प्रयोग में 12, बिना सीट बैल्ट के 74 तथा बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 55 के चालान किए गए है, जिस पर जिलाधिकारी ने एआरटीओ व पुलिस को संयुक्त रूप से अभियान चलाकर प्रवर्तन करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि पेयजल लाइनों की लीकेज से सडकों को क्षति होती है, इसलिए उन्होंने सड़कों में लीकेज पेयजल लाइनों की मरम्मत करने के साथ ही पेयजल लाइनों को भूमिगत करने के निर्देश र्इर्इ जल संस्थान को दिए, साथ ही नदीगांव-गिरेछीना सड़क मार्ग में पेयजल लाइन सडक पर ही आ गयी है, उसे किनारे व्यवस्थित करने के लिए आगणन प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।

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बैठक में उपजिलाधिकारी मोनिका, अनुराग आर्या, पुलिस उपाधीक्षक अंकित कण्डारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनुपमा ह्यांकी, अधि0अभि0 पीएमजीएसवार्इ वृजेंद्र कुमार, जल संस्थान सीएस देवडी, सहायक अभियंता लोनिवि विजेंद्र सिंह मेहरा, विजय कृष्ण, गजेंद्र सिंह, प्रभारी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी हरीश रावल, निदेशक जन शिक्षण संस्थान डॉ. जीतेंद्र तिवारी आदि मौजूद थे।

जिला सूचना अधिकारी बागेश्वर।