कोरोना काल में संविदा पर नियुक्त 243 स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने दिखाया बाहर का रास्ता। 

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रोशनी पाण्डेय – सह सम्पादक

रुद्रपुर – कोरोना महामारी में कोविड से ग्रस्त मरीजों की देखभाल और कोरोना पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 243 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियुक्त किया था। जिनका कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो गया। कार्य अवधि पूरी होने पर इन्हें स्वास्थ्य विभाग ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। वही इनका अनुबंध को आगे बढ़ाने की बात से स्वास्थ्य विभाग ने साफ तौर पर इंकार कर दिया। वही एक अप्रैल से ये सभी बेरोजगारी की चपेट में आ जाएंगे। बुधवार को इसके विरोध में इन कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनीता रतूड़ी के कार्यलय पर धरना प्रदर्शन कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।

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आउटसोर्सिंग पर नियुक्त किए गए इन कर्मचारियों ने अपने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि कोविड संक्रमण के दौरान लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसमें कई स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं।कोविड के दौरान हम सभी ने अपनी जान जोखिम में डालकर रात दिन लोगों को अपनी सेवाएं दी। ज्ञापन में कहा कि इस बार को स्वास्थ्य विभाग भी अच्छी तरह जानता है।

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हमारी सेवाओं का पुरस्कार समय अवधि पूरी होने पर सेवा से हटाकर दिया जा रहा है। वही उन्होंने कहा कि जबकि विभाग को स्वास्थ्य कर्मियों की बेहद जरूरत है। विभाग द्वारा अपनाया जा यह रवैया सही नहीं है। हमें स्वास्थ्य विभाग ने ठगा है। उन्होंने अनुबंध आगे बढ़ने की मांग उठाई। धरना प्रदर्शन करने वाले में मुख्य रूप से निधि शर्मा, संजीव कुमार, अनिल पांडे, मनोज तिवारी, अंजू सिंह, प्रियंका विश्वास सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।

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