महिला सशक्तीकरण पर मुख्य सचिव की सख्ती, योजनाओं की समीक्षा और रिपोर्ट तलब।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून: मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के मामलों में सभी विभागों से आंतरिक परिवाद समितियों (ICC) के गठन की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। अब तक 1549 सरकारी एवं 13 गैर सरकारी आईसीसी का गठन किया जा चुका है। शेष विभागों को भी तत्काल कार्यवाही करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने महिला सशक्तीकरण विभाग को गर्भवती महिलाओं की प्रसव-पूर्व तीन अनिवार्य एएनसी जांच की पुष्टि के लिए कॉल सेंटर के माध्यम से अनिवार्य रूप से संपर्क कर फीडबैक लेने को कहा है। साथ ही, उन्होंने गौरा नंदा देवी सहित राज्य की सभी महिला सशक्तीकरण योजनाओं की पुष्टि के लिए लाभार्थियों से दूरभाष संपर्क कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं।
बाल देखरेख संस्थाओं की होगी कड़ी निगरानी
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि शासकीय एवं गैर-शासकीय बाल देखरेख गृहों, संप्रेक्षण गृहों और खुले आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चों के स्थायी डिजिटल प्रोफाइल बनाए जाएं, ताकि उनके शिक्षा और रोजगार में आत्मनिर्भर बनने तक उनकी निगरानी की जा सके।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग को एक सप्ताह के भीतर स्टेट रिसोर्स सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, ड्रॉपआउट किशोरियों का डेटा ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर उपलब्ध कराने और उन्हें फिर से शिक्षा से जोड़ने की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए कहा गया है।
वन स्टॉप सेंटर और न्याय व्यवस्था में सुधार
मुख्य सचिव ने राज्यभर में स्थापित 14 वन स्टॉप सेंटरों में गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली प्रतीक्षालय सुविधा की रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने को कहा है।
उन्होंने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की बैठक में 13 किशोर न्याय बोर्ड और 13 बाल देखरेख संस्थानों में ऑनलाइन सुनवाई हेतु वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा स्थापित करने की पहल की सराहना की।
इसके अलावा, उन्होंने मिशन वात्सल्य, मिशन शक्ति, मिशन आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजनाओं की समीक्षा करते हुए इनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समयबद्धता और गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव चंद्रेश यादव सहित महिला सशक्तीकरण, बाल विकास और शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।