“धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर का बलिदान प्रेरणा का स्रोत: CM धामी”
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
काशीपुर। सिख समाज के नौवें गुरु श्री गुरु तेगबहादुर जी तथा उनके साथ शहीद हुए भाई मती दास, भाई सती दास और भाई दयाला जी के 350वें शहीदी दिवस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर द्वारा आयोजित शहीदी नगर कीर्तन आज काशीपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुआ। करीब 2500 किलोमीटर की यात्रा तय कर यह नगर कीर्तन बीती शाम गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब, काशीपुर पहुँचा था।

रात्रि विश्राम के बाद सोमवार सुबह 9 बजे नगर कीर्तन दिल्ली के लिए प्रस्थान हुआ। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए। उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए उनका योगदान अमूल्य और प्रेरणादायी है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और प्राणों की आहुति देकर भी धर्म के मार्ग से विचलित नहीं हुए। यह हम सबके लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की परिकल्पना हमारे गुरुओं की शिक्षाओं में परिलक्षित होती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी धर्मों एवं समाजों के उत्थान के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सिख समाज के लिए करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण, अफगानिस्तान के काबुल से गुरु ग्रंथ साहिब की सुरक्षित वापसी और हेमकुंड साहिब तक पहुँचने के लिए साढ़े 12 किलोमीटर लंबे रोपवे निर्माण जैसे कार्य ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हैं। उन्होंने कहा कि हमारे गुरुओं ने जिस परंपरा और बलिदान का मार्ग दिखाया है, उसे आगे बढ़ाने का कार्य मोदी सरकार कर रही है।























