रामनगर हिंसा प्रकरण: मुख्य आरोपी को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से भी किया इंकार।

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रामनगर हिंसा प्रकरण: मुख्य आरोपी को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से भी किया इंकार।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत और एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज की, पुलिस को सख्त निर्देश**

रामनगर के चर्चित मांस प्रकरण में मुख्य अभियुक्त मदन जोशी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी, साथ ही गिरफ्तारी पर रोक लगाने से भी साफ इंकार कर दिया। इतना ही नहीं, मदन जोशी द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए दायर सह–याचिका को भी कोर्ट ने निरस्त कर दिया।

अदालत ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि आरोपी का कृत्य किसी भी प्रकार की राहत देने योग्य नहीं है। शिकायतकर्ता पक्ष द्वारा प्रस्तुत मिसालों (नजीरों) पर विचार करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि हिंसा को बढ़ावा देने वाले मामलों में किसी भी प्रकार की छूट न्यायहित में नहीं होगी।

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सोशल मीडिया पोस्ट पर कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विशेष रूप से मदन जोशी की उस सोशल मीडिया पोस्ट का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने “क्रांति” से जुड़ी बातें लिखी थीं। इस पर अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा—
“यह देवभूमि है, क्रांति भूमि नहीं। यहां क्रांति नहीं, बल्कि शांति की आवश्यकता है।”

कुर्की में तेजी लाने के निर्देश

कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मदन जोशी की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है। इसलिए पुलिस उनकी कुर्की कार्यवाही में तेजी लाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जांच अधिकारी पूरे मामले की गहराई से जांच करें और सिर्फ हिंसा के आरोपों तक सीमित न रहें।

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अदालत ने आशंका जताई कि घटना के पीछे कमर्शियल एंगल, यानी मीट सप्लायरों की व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता, भी हो सकती है। कोर्ट ने यह जांचने को कहा कि कहीं किसी दूसरे सप्लायर की शह पर यह हमला भड़काया तो नहीं गया।


नासिर हुसैन पर हमला—क्या था मामला?

पीड़ित नासिर हुसैन की पत्नी नूरजहां द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार,
23 अक्टूबर को नासिर अपनी पिकअप से बरेली से मीट लेकर छोई क्षेत्र जा रहे थे। रास्ते में कुछ लोगों ने उन्हें प्रतिबंधित मांस ले जाने का आरोप लगाकर जबरन रोक लिया और उन पर हमला कर दिया।

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हमलावरों ने न केवल नासिर की बेरहमी से पिटाई की, बल्कि उनकी पिकअप में भी तोड़फोड़ की। नासिर गंभीर रूप से घायल हुए, जिसके बाद नूरजहां की तहरीर पर नामजद आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

अब हाईकोर्ट के ताजा फैसले के बाद पुलिस कार्रवाई के और तेज होने की उम्मीद है। पीड़ित पक्ष इस निर्णय को बड़ी राहत के रूप में देख रहा है।


अदालत का स्पष्ट संदेश

अदालत ने कहा—
“कानून सभी के लिए समान है। हिंसा या उकसावे से जुड़े अपराधों में कोई भी व्यक्ति बच नहीं सकता।”