दिल्ली जंतर-मंतर पर दिव्यांग जनों का विशाल प्रदर्शन, 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
नई दिल्ली।
देशभर के दिव्यांग जन आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर एकत्र होकर अपने अधिकारों और सम्मान की लड़ाई के लिए एक विशाल धरना–प्रदर्शन में शामिल हुए। इस प्रदर्शन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित कई राज्यों से बड़ी संख्या में दिव्यांग भाई-बहनों ने भाग लिया।
दिव्यांग संगठनों ने सरकार के सामने अपनी 21 सूत्रीय प्रमुख मांगें रखते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार दिव्यांग जनों के मूलभूत अधिकारों पर ठोस निर्णय ले।
मुख्य मांगें
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दिव्यांग अधिनियम 2016 को पूर्ण रूप से लागू किया जाए।
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दिव्यांग आयोग का तत्काल गठन किया जाए।
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देशभर के सभी राज्यों में दिव्यांग पेंशन बढ़ाकर 5,000 से 6,000 रुपये प्रतिमाह की जाए।
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दिव्यांग जनों को रोजगार और सरकारी नौकरियों में उचित अवसर प्रदान किए जाएं।
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लोकसभा व विधानसभा चुनावों में दिव्यांग जनों के लिए सुरक्षित (आरक्षित) सीटें निर्धारित की जाएं।
नेताओं ने रखी अपनी बात
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे दिव्यांग युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्वेश कुशवाहा आज़ाद (हरदोई) ने कहा:
“यदि केंद्र सरकार ने हमारी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया तो हम दूसरी बार और भी बड़े आंदोलन के साथ सड़कों पर उतरेंगे।”
विकलांग विधवा सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद गुप्ता (गाज़ियाबाद) ने चेतावनी दी:
“अगर मांगें नहीं मानी गईं तो दिव्यांग जन मिलकर संसद भवन का घेराव करेंगे।”
प्रदर्शन को सफल बनाने में भारतीय दिव्यांग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बॉबी गोला, महिला अध्यक्ष समीना जी, तथा अनेक अन्य संगठनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धरने की अध्यक्षता लक्ष्मी कांत जी ने की।
अंत में दिव्यांग युवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी.के. आज़ाद ने सभी दिव्यांग जनों और संगठनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह संघर्ष दिव्यांग समाज के सम्मान और अधिकारों के लिए जारी रहेगा।

























