रुसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन तेज शांति की मांग को लेकर हुआ प्रदर्शन।

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रोशनी पाण्डेय – सह सम्पादक

मास्को/कीव ऐजसी- यूक्रेन और रुस के बीच छीडी जंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के खिलाफ यहां लोगों ने सड़कों पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया। राजधानी मास्को,सेट पीट्सबर्ग सहित अन्य शहरों में लोगों ने रुसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शांति मांग की इस प्रदर्शन में करीब ढाई सौ लोगों ने हिस्सा लिया। रुस में यूक्रेन हमले की कड़ी निन्दा करते हुए लोगों ने ओपन लेटर भी जारी किया है। इस प्रदर्शन में छह हजार मेडिकल छात्रों,3400 इंजीनियरों के हस्ताक्षर किए गए हैं। वही इस लेटर पर पत्रकारों और लोकल स्वयं सेवी संस्थाओं के लोगों के हस्ताक्षर भी है। मास्को के गैरेज म्यूजियम ने घोषणा की है जब तक यूक्रेन पर हमले बंद नहीं होते तब तक म्यूजियम बंद रहेगा। वही रुसी सैनिक भारतीय के साथ बर्बता पूर्ण रवैया करते हुए नजर आए। जिसकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस वीडियो को लेकर भारतीय नागरिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी पर सवाल खड़े किए हैं। भारत के लोगों का कहना है कि पीएम मोदी यह सब खामोशी देख रहे हैं।रुसी सैनिकों द्वारा भारतीय नागरिकों के साथ मारपीट करने का यह वीडियो केन्द्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे।

 

वही यूपी के पांचवें चरण के मतदान के दौरान प्रचार के अंतिम दिन पीएम मोदी भारतीय नागरिकों को वापसी वतन लाने का मुद्दा भुनते नजर आए। उनके अलावा अन्य भाजपा नेता भी इस मामले को चुनावी जनसभाओं में भुनने का प्रयास करते नजर आए। जिसे लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा की नीयत में हमेशा खोट रहा है। हमारे देश के लोग यूक्रेन में फंसे हैं और भाजपा नेता इसे भी चुनावी मुद्दा बनाने में जुटे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को शर्म आनी चाहिए कि वह यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस वतन लाने को भी चुनाव में भुनने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले में केन्द्रीय निर्वाचन आयोग से शिकायत करने की बात कही है।

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