गूरजोत सिंह राठौर – मीडिया प्रभारी

पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में ऑनलाइन संस्कृत व्याख्यान का आयोजन किया गया।इस अवसर पर संस्कृत विभाग द्वारा गुरुदिवस व्याख्यान माला के क्रम में ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त संस्कृत के प्रति भ्रान्तियों का निराकरण करना था कि संस्कृत पौरोहित्य एवं कर्मकाण्ड व ज्योतिष ही नहीं है। व्याख्यान का विषय संस्कृत एवं आत्मनिर्भरता रहा। जिस पर मुख्यवक्ता केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पूर्व निदेशक प्रो.रमाकान्त पाण्डेय ने आत्मनिर्भर बनने हेतु संस्कृत की शिक्षाओं को वर्तमान में भी प्रासंगिक बताया। उन्होंने योग, आयुर्वेद, वैद्यक, नाट्यशास्त्र, अर्थशास्त्र, कालिकापुराण, विमानशतकम् आदि ग्रन्थों का उदाहरण देते हुए भवन निर्माण, राजनीति एवं अर्थशास्त्र के सिद्धांत, कला, जीवन पद्धति, विमान शास्त्र,संगीत, अभिनय आदि को रोजगारपरक बताया।साथ ही संस्कृत पढकर अनेक क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य अतिथि पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रतिकुलपति, राष्ट्रपति पुरस्कृत प्रो.महावीर अग्रवाल ने महान शिक्षाविद् राधाकृष्णन जैसे महापुरुषों की जीवन पद्धति को अपनाने की बात कही। वेदों से लेकर आज तक लिखे गए संस्कृत ग्रन्थों को पढ़कर विद्यार्थी अपना भविष्य संवार सकते है। कोरोना काल में भी भारतीय जीवन पद्धति को अपनाकर जीवन सुरक्षित रखने की बात कही ।व्याख्यानमाला का शुभारम्भ कार्यक्रम निदेशक प्राचार्य प्रो.एम.सी.पाण्डे ने किया। मंच संचालन कर रहे आयोजक-सचिव, प्रभारी-संस्कृतविभाग डॉ.मूलचन्द्र शुक्ल ने समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत कर कार्यक्रम की विषयवस्तु प्रस्तुत की। कुलानुशासक डॉ.जी.सी.पन्त ने अन्त में समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। तकनीकी सहयोग डॉ.प्रकाश सिंह बिष्ट ने किया। कार्यक्रम में भारत के विभिन्न अंचलों के संस्कृत अनुरागियों ,विद्वानों एवं विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।
