कफ सिरप पर धामी सरकार सख्त: 350 से अधिक सैंपल लिए गए, दर्जनों मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रद्द।
मुख्यमंत्री बोले — “उत्तराखंड में बच्चों की सेहत से खिलवाड़ नहीं होने देंगे”
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून, 11 अक्टूबर 2025।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सख्त निर्देशों के बाद उत्तराखंड में औषधि विभाग ने बच्चों की सेहत की सुरक्षा को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया है। प्रदेशभर में कफ सिरप की बिक्री और गुणवत्ता पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। औषधि विभाग की टीमों ने अब तक 350 से अधिक सैंपल जांच के लिए लिए हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। कई अन्य को कड़ी चेतावनी दी गई है।
राज्य सरकार ने सभी बाल चिकित्सकों से अपील की है कि वे दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित सिरप न लिखें। इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग स्वास्थ्य सचिव एवं एफडीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार स्वयं कर रहे हैं। वे प्रतिदिन फीडबैक लेकर कार्रवाई की समीक्षा कर रहे हैं, जबकि अभियान का नेतृत्व अपर आयुक्त (एफडीए) ताजबर सिंह जग्गी कर रहे हैं।
🔹 देहरादून में औषधि विभाग की छापेमारी
देहरादून में औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में औषधि विभाग की टीम ने पलटन बाजार, घंटाघर, ऋषिकेश रोड, जॉलीग्रांट, अजबपुर और नेहरू कॉलोनी में औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान बच्चों की सर्दी-खांसी की कुछ दवाएँ अलग से भंडारित पाई गईं, जिन्हें मौके पर ही सील कर दिया गया। एक मेडिकल स्टोर को बंद किया गया और 11 औषधियों के नमूने जांच हेतु लिए गए। निरीक्षण में औषधि निरीक्षक विनोद जागुड़ी और निधि रतूड़ी भी शामिल रहे।
🔹 ऋषिकेश में बड़ी कार्रवाई
ऋषिकेश में औषधि निरीक्षक निधि रतूड़ी के नेतृत्व में राजकीय एसपीएस चिकित्सालय और जॉलीग्रांट के आसपास मेडिकल स्टोर्स की जांच की गई।
टीम ने कुछ स्टोर्स पर रखे बच्चों के सिरप को सील कर बिक्री पर रोक लगाई, और 6 औषधियों के नमूने जांच के लिए लिए। अधिकांश मेडिकल स्टोर्स ने पहले ही शासन के आदेशों के तहत बिक्री रोक दी थी।
🔹 हल्द्वानी, अल्मोड़ा और बागेश्वर में भी जांच
हल्द्वानी के मुखानी क्षेत्र में औषधि विभाग ने 7 मेडिकल स्टोर्स की जांच की और 2 सिरप सैंपल परीक्षण हेतु लिए।
अल्मोड़ा में 1, जबकि बागेश्वर जिले के गरुर क्षेत्र में 2 मेडिकल स्टोर्स से सिरप सैंपल जांच के लिए लिए गए।
🔹 मुख्यमंत्री धामी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड में ऐसा कोई सिरप न बिके, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बने। बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जिले में मेडिकल स्टोर्स, अस्पताल और फार्मा यूनिट की गहन जांच की जाए।
🔹 स्वास्थ्य मंत्री की अपील
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने डॉक्टरों से अपील की कि वे बच्चों को दवा लिखते समय विशेष सतर्कता बरतें। उन्होंने कहा कि “दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित सिरप न दी जाए। डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को जिम्मेदारी निभानी होगी।”
🔹 स्वास्थ्य सचिव की चेतावनी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ लाइसेंस निरस्तीकरण और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
🔹 अभियान जारी रहेगा
अपर आयुक्त (एफडीए) ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि यह अभियान चरणबद्ध तरीके से आगे भी जारी रहेगा। बच्चों के लिए असुरक्षित दवाओं की बिक्री और भंडारण पर पूर्ण रोक लगाने तक कार्रवाई चलती रहेगी।
