“उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का धरना प्रदर्शन: राज्य विकास और समस्याओं के समाधान की मांग”

"उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का धरना प्रदर्शन: राज्य विकास और समस्याओं के समाधान की मांग"
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“उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का धरना प्रदर्शन: राज्य विकास और समस्याओं के समाधान की मांग”।

 

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

 

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारीयों ने राज्य की अवधारणा के अनुरूप राज्य का विकास करने तथा आन्दोलनकारीयों की समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया तथा एसडीएम कार्यालय के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष को ज्ञापन भेजा।

 

 

राज्य निर्माण आंदोलनकारी मंच उत्तराखंड के आव्हान पर राज्य आंदोलनकारीयों ने मंच संयोजक चंद्रशेखर जोशी की अगवाई में एसडीएम कार्यालय पर एकत्र होकर धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने आक्रोश भरे शब्दों में कहा कि राज्य गठन के 24 साल बाद भी राज्य की अवधारणा के अनुरूप राज्य का विकास नहीं हुआ जिसके कारण लोग अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

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राज्य आंदोलनकारी गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाने, खटीमा मसूरी मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने, मूल निवास सख्त भू कानून, जल जंगल जमीन पर जनता के अधिकार, शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार उपलब्ध कराने , भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। राज्य आंदोलनकारी ने एसडीएम कार्यालय के माध्यम से महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री,नेता प्रतिपक्ष को भेजे ज्ञापन में राज्य आंदोलनकारीयों एवं उनके आश्रितों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह सम्मान एवं सुविधाएं देने, राज्य आंदोलनकारी को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान राशि/मानदेय से उन चिन्हित राज्य आंदोलनकारी को वंचित रखा गया है।

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जिन राज्य आंदोलनकारीयों को सरकारी सेवा में रहते पेंशन या उनके आश्रितों को( जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं हैं )पति या पत्नी की मृत्यु के बाद सम्मान राशि देने,जिलाधिकारी कार्यालय में कई महीनो से लंबित चिन्हिनीकरण के आवेदनों का निस्तारण करने, चिह्ननीकरण से वंचित वास्तविक राज्य आंदोलनकारीयों को आवेदन के लिए एक अवसर देने,राज्य सरकार द्वारा 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक बनाए जाने के बाद, रुके हुए परीक्षा परिणामों को शीघ्र घोषित कर नियुक्तियाँ देने, राज्य सम्मान परिषद पर तत्काल नियुक्ति करने तथा समस्त राजनीतिक दलों से अपनी अपनी पार्टियों में शामिल राज्य आंदोलनकारियों के लिए संगठन,नगर निगम, नगर निकाय, पंचायत, विधानसभा ,लोकसभा में 10% आरक्षण देने की मांग की है।

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धरना प्रदर्शन करने वालों में राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी, चन्द्रशेखर जोशी, पुष्कर दुर्गापाल, इन्द्र सिंह मनराल, हाफिज सईद, हेम पाठक, मोहन राम, जगदीश तिवारी, दीप तिवारी, पीताम्बर तिवारी, सुमिता बिष्ट, पानसिंह नेगी, डा. निशांत पपनै, डा धनेश्वरी घिल्डियाल, चम्पा तिवारी, शान्ति बिष्ट, इन्द्रलाल साह, पीताम्बरी रावत, कमला पाठक, नरेन्द्र बिष्ट, मोहन चन्द्र पाठक एवं राजेन्द्र खुल्वे आदि मौजूद रहे।