“उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष, कुसुम कण्डपाल, के नेतृत्व में महिलाओं के हक़ और सुरक्षा की सुनिश्चितता”

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“उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष, कुसुम कण्डपाल, के नेतृत्व में महिलाओं के हक़ और सुरक्षा की सुनिश्चितता”

 

 उधम सिंह राठौर  – प्रधान संपादक

 

प्रदेश की किसी भी महिला के साथ कोई भी किसी भर प्रकार की घटना होती है तो उत्तराखण्ड महिला आयोग स्वतः ही संज्ञान लेता है साथ ही महिला आयोग हर महिला के साथ है। अध्यक्ष कुसुम कण्डपाल

 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 9 नवम्बर को महिला नीति की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि महिला नीति से प्रदेश की मातृशक्ति के समग्र विकास एवं सशक्तिकरण के उद्देश्य से देवभूमि में महिलाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु इस योजना को कार्यान्वित किया है। इस महिला नीति से महिलाओं को सामाजिक एवं राजनैतिक तथा आर्थिक तौर पर सशक्त करना है।

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अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग कुसुम कण्डवाल सोमवार को उपकारागार हल्द्वानी का निरीक्षण कर उपकारागार की व्यवस्थाआंे का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने महिला कैदियों से उनकी समस्याओं के बारे में रूबरू हुई। उपकारागार में उन्होंने महिला कैदियों को जेल में दी जा रही मूलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया गया कि उपकारागार में वर्तमान में 77 महिला कैदी रह रही हैं। उन्होंने महिला कैदियों को खाने-पीने के लिए दिया जाने वाला भोजन, चिकित्सकीय उपचार व अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को जो व्यवस्थायें दी रही है श्रीमती कण्डवाल व्यवस्थाओ से संतुष्ट दिखी।

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निरीक्षण के दौरान महिला कैदियों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि उनका यहां आने का केवल एक ही उद्देश्य है कि वे महिला कैदियों की समस्याओं से रूबरू हो सकें व उनकी समस्याओं का निवारण कर सकें। यदि किसी भी महिला कैदी को यहां रहने में किसी प्रकार की कोई परेशानी हो, तो वे बेझिझक उन्हें बता सकती हैं। उन्होंने कहा जेल में कैदी महिलाओं को स्वरोजगार हेतु जोडने का कार्य किया जा रहा है ताकि जेल से बाहर आकर महिलायें अपना स्वरोजगार कर आर्थिकी को मजबूत कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए जेल में महिलाओं के लिए रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोडा जा सके।

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निरीक्षण दौरान जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, शान्ति भटट तथा जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार आदि मौजूद थे।

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