नैनीताल में टोल टैक्स को लेकर स्थानीय टैक्सी मालिकों में आक्रोश, कहा – टोल पास नहीं बना तो जाएंगे हाईकोर्ट।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
नैनीताल, 16 अप्रैल — नैनीताल नगर पालिका द्वारा 12 पत्थर और हल्द्वानी से नैनीताल आने वाले मार्गों पर टोल टैक्स वसूली शुरू करने के बाद से स्थानीय टैक्सी मालिकों और नागरिकों में भारी रोष व्याप्त है। मंगलवार से नगर पालिका ने 12 पत्थर और हनुमानगढ़ के पास टोल प्लाजा को सक्रिय कर दिया है, जिसके तहत अब कालाढूंगी और हल्द्वानी से नैनीताल में प्रवेश करने वाले वाहनों को Rs.100 से Rs. 330 तक का शुल्क देना होगा।
लोकल टैक्सी चालक बोले—हम पर पहले ही टैक्सों का बोझ
स्थानीय टैक्सी चालक और वाहन स्वामी कह रहे हैं कि वे पहले ही रोड टैक्स, फिटनेस, बीमा, लोन की किश्तें और अन्य शुल्क अदा करते हैं, ऐसे में उन्हें हर बार नैनीताल प्रवेश के लिए अलग से टोल टैक्स देना अनुचित है। टैक्सी मालिक साजिद ने बताया, “एक दिन में कई बार नैनीताल आना-जाना होता है, जिससे एक दिन में 500 से 600 रुपये तक का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। पेट्रोल-डीजल के दाम पहले ही आसमान छू रहे हैं, ऐसे में यह टोल टैक्स लोकल चालकों के लिए आर्थिक संकट बनता जा रहा है।”
टोल पास की मांग, नहीं तो हाईकोर्ट जाने की चेतावनी
टैक्सी यूनियन और स्थानीय नागरिकों ने नगर पालिका से टोल पास की मांग की है। उनका कहना है कि भीमताल, भवाली और हल्द्वानी जैसे क्षेत्रों की गाड़ियों को पहले से पास दिया गया है, लेकिन कालाढूंगी क्षेत्र की टैक्सियों को इससे वंचित रखा गया है। वार्ड चार के पूर्व सभासद मुस्तज़र फारुकी ने कहा, “स्थानीय लोगों को जिला व तहसील मुख्यालय सहित हाईकोर्ट तक आना-जाना पड़ता है, ऐसे में बार-बार टैक्स देना अन्यायपूर्ण है।”
इंटरनेट मीडिया पर भी विरोध, हो रही बहस
यह मामला सोशल मीडिया पर भी गर्माया हुआ है, जहां लोग नगर पालिका के इस निर्णय को “अवैध” और “मानकों के खिलाफ” बता रहे हैं। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “पूरे भारत में हजारों टोल हैं, लेकिन कहीं भी स्थानीय निवासियों से इस तरह टैक्स नहीं लिया जाता। यह पूरी तरह गलत है।”
प्रशासन से समाधान की मांग
स्थानीय टैक्सी संचालकों और नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया और टोल पास की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।










