श्रमिकों और किसानों की महापंचायत में मोदी सरकार की किसान और मजदूर विरोधियों नीतियों के खिलाफ गुबार.

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उधम  सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक

रुद्रपुर –  मजदूर किसान संगठनों की संयुक्त महापंचायत सिडकुल के पारले चौक पर आयोजित हुई।इस महापंचायत में मजदूर और किसान नेताओं ने मजदूर और किसान विरोधी नीतियों को लेकर भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। महापंचायत में श्रमिकों नेताओं ने कहा कि मजदूर संगठनों को इटारराक कंपनी सिडकुल पंतनगर में कंपनी प्रबंधन ने तालाबंदी कर लगभग 5000 स्थाई मजदूरों को बेरोजगारी की आग में झोंकने का काम किया जा रहा है।इटरार्क कंपनी के किच्छा के प्रबंधन ने नौ मजदूरों को निलंबित कर दिया है। लिखित समझौते के बाद भी करीब 32 श्रमिकों को पिछले चार सालों से बहाल नहीं किया गया।साल 2018 के बाद से इटरार्क मजदूरों के वेतन में वृद्धि नहीं हुई है। महापंचायत को संबोधित करते हुए विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रशासन पर गुस्सा उतारा। उन्होंने आरोप लगाया है कि मजदूरों और किसानों का दमन बंद नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। महापंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि मजदूरों और किसानों की जटिल समस्याओं का निराकरण समय हो। उन्होंने कहा कि कहा कि 255 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे मजदूरों की मांगों सरकार और प्रशासन सहित कंपनी प्रबंधन द्वारा निराकरण नहीं किया गया।

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उन्होंने कहा कि यह हमारे देश का दुर्भाग्य है। नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने लंबे समय तक तीन कृषि कानून के खिलाफ लंबे समय तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन किया।जिन काले कृषि कानूनों को मोदी सरकार सही बता रही थी, उन्हीं को वापस लेने के लिए पीएम मोदी ने किसान आंदोलन के आगे घुटने टेक दिए। उन्होंने कहा कि मजदूरों की मांगों का हल बातचीत करके भी निकाला जा सकता था। लेकिन उत्तराखंड सरकार को श्रमिकों की मांगों को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बाबा का बुलडोजर जमकर गरीबों और मजलूमों पर ज़ुल्म ढा रहा है। गरीबों को बेघर किया जा रहा है। नरेश टिकैत ने कहा कि विभिन्न किसान संगठनों ने भाजपा के खिलाफ उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए आंदोलन किया, लेकिन भाजपा ने धर्म और जाति के नाम पर लोगों को गुमराह कर वह फिर से धोखा देकर सत्ता में आ गई।

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इसके लिए कुछ हद तक हम लोग भी जिम्मेदार हैं। महापंचायत को संबोधित करते हुए तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार तजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि कल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रपुर आ रहें हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों और किसानों को उनके इस कार्यक्रम का विरोध करना होगा। उन्होंने कहा कि हम सीएम धामी का हेलीकाप्टर रुद्रपुर की जमीन पर नहीं उतरने देंगे, उन्होंने वहां मौजूद हजारों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों और युवाओं से आह्वान किया कि कल होने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम का विरोध करें। विर्क ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री को आंदोलन कर रहे श्रमिकों से बातचीत करनी होगी, उसके बाद वह किसी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। उन्होंने वहां मौजूद हजारों लोगों से हाथ उठाकर सीएम धामी के रुद्रपुर आगमन का विरोध करने का वचन लिया। उन्होंने कहा कि लाखीमपुर खीरी में किसानों पर थार चढ़ाने की कोशिश में किसान नौजवानों ने अपनी कुर्बानी दी।हर आंदोलन कुर्बानी देकर ही सफल होता है।

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उन्होंने कहा कि मैं खुद उस जानलेवा हमले में बुरी तरह घायल हो गया था। उन्होंने कहा कि श्रमिक भी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहें। विर्क ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत जनपद से विधानसभा उप चुनाव लडने जा रहें हैं।आप सब चंपावत पहुंचे और वहां के मतदाताओं से अपील करें कि यह वही मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने हम मजदूर को बेरोजगार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। सीएम के उप चुनाव का विरोध करें। ताकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पता चल जाए कि श्रमिक और किसान चाहें तो सत्ता को पलटने का दम रखते हैं।

 

इस दौरान वहां मौजूद विभिन्न श्रमिक और किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने महापंचायत को संबोधित किया।इस दौरान महापंचायत स्थल पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त किए गए थे। प्रशासन की ओर से खुफिया एजेंसियों को सतर्क किया गया था।इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत, तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क, प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा, गुरमीत सिंह, नवजोत सिंह, श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।

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