अंकिता भंडारी केस को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रहे भ्रामक तथ्यों पर पुलिस का स्पष्टीकरण।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड से संबंधित सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भ्रामक, तथ्यहीन एवं भ्रम उत्पन्न करने वाले दावों को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने स्थिति स्पष्ट की है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने कहा कि यह प्रकरण अत्यंत संवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण रहा है, जिसमें सरकार और पुलिस प्रशासन ने शुरू से ही गंभीरता के साथ कार्रवाई की।
एडीजी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही राज्य सरकार द्वारा तत्काल एक वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया। मामले में संलिप्त सभी अभियुक्तों को शीघ्र गिरफ्तार किया गया और प्रभावी पैरवी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि अभियुक्तों को किसी भी स्तर पर जमानत न मिल सके।
विवेचना और ट्रायल के दौरान यह मामला माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष भी प्रस्तुत हुआ, जहां सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए एसआईटी जांच को निष्पक्ष, पारदर्शी एवं विधिसम्मत माना गया। इसके बाद यह प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में भी गया, जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी एसआईटी जांच पर संतोष व्यक्त करते हुए सीबीआई जांच की याचिका निरस्त कर दी।
एसआईटी द्वारा विस्तृत विवेचना के उपरांत निचली अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वर्तमान में यह मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
एडीजी डॉ. मुरुगेशन ने बताया कि हाल के दिनों में इस प्रकरण से संबंधित कुछ ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं, जिनके संबंध में पुलिस द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन मामलों की विवेचना जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी व्यक्ति के पास इस प्रकरण से संबंधित कोई प्रामाणिक जानकारी, साक्ष्य या तथ्य उपलब्ध हों, तो उन्हें जांच एजेंसियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए। विवेचना के दौरान भी पुलिस द्वारा सार्वजनिक रूप से अपील की गई थी कि कोई भी जानकारी छिपाई न जाए।
एडीजी ने पुनः अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में दर्ज प्रकरणों की जांच जारी है और यदि किसी के पास इस मामले से संबंधित कोई ठोस साक्ष्य या जानकारी हो, तो वे जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की स्पष्ट मंशा है कि इस मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और पूर्ण जांच सुनिश्चित की जाए। कानून के दायरे में रहकर दोषियों और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।





