तराई पश्चिमी डिवीजन: वन निगम के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश, डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य की कड़ी कार्रवाई।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
वन निगम द्वारा तराई पश्चिमी डिवीजन क्षेत्र में भ्रष्टाचार का ऐसा गंदा खेल खेला जा रहा है। जो सरकार के राजस्व को तो लाखों का नुकसान पहुंचा रहा है। साथ जी जंगलों की खूबसूरती के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा था। दरअसल वन विभाग द्वारा वन निगम को यूकेलिप्टस के पेड़ काटने की परमिशन दी गई थी और इसी परमिशन के आड़ में वन विभाग के अधिकारियों ने लकड़ी माफियाओं के साथ मिलकर चोरी छुपे यूके लिप्टिस को बेचने का गदा-गंदा शुरू करिए …..
लेकिन यह गंदा धंधा ज्यादा दिन नहीं चला डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य को जैसे ही इस पूरे धंधे की खबर लगी तो देखो प्रकाश चंद्र आर्य ने अपना मुखबिर तंत्र एक्टिव किया जैसे ही लकड़ी माफियाओं द्वारा यूकेलिप्टस को जंगलों से उठाकर अपने अपने गोपनीय अड्डे पर ले जाकर रखा तभी डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य के निर्देशों पर तैयार हुई टीम ने फिल्मी अंदाज लकड़ी माफियाओं पर कार्यवाही कर दी और कार्रवाई में लाखों की तादाद रुपए की यूके लिप्टस की गड़ियां बरामद की गई।
इसके बाद वन विभाग द्वारा एक जांच टीम का गठन किया गया और टीम की रिपोर्ट के अनुसार वन निगम के ऊपर लाखों का जुर्माना भी लगाया गया आपको बता दें कि वन निगम की माफियाओं के साथ साठगांठ का यह पहला मामला नहीं इससे पहले भी वन निगम द्वारा अवैध रूप से चोरी छुपे पेड़ों का कटान किया गया है। जिसको लेकर डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने उच्च स्तरीय अधिकारियों से वार्ता की है और जल्दी कोई बड़ी कार्रवाई वन निगम के खिलाफ की जाएगी।