जिला चिकित्सालय मैं अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से मरीजों के खाने पर डाला जा रहा है डाका। 

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रोशनी पाण्डेय – प्रधान सम्पादक 

रुद्रपुर जिला चिकित्सालय में सरकार द्वारा और रुद्रपुर के क्षेत्र के विधायक शिव अरोड़ा के प्रयासों से रुद्रपुर जिला चिकित्सालय में मरीजों को अच्छा खाना वह नाश्ता देने की पुरजोर कोशिश की जा रही है जबकि उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने हर संभव मरीजों को अच्छा दवाई अच्छा था ना और स्वास्थ्य सुविधाएं देने की सरकार कोशिश कर रही है लेकिन विडंबना यह देखिए के रुद्रपुर जिला चिकित्सालय में ठेकेदार और वहां के अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से मरीजों का खाने में खुलेआम डाका डाला जा रहा है।

 

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जबकि सरकार द्वारा मरीजों को चार रोटी चावल दो रंग की सब्जी उपलब्ध कराने की बात कही गई है लेकिन वहां पर दाल दो रोटी दी जा रहे हैं उसके अलावा मरीजों को सुबेरे के टाइम में नाश्ते में 500 ग्राम दूध अमूल आंचल आनंदी का ब्रांड को सरकार ने मानता देते हुए हर मरीज को 500 ग्राम दूध देने की बात कही और 25 ग्राम पनीर 4 ग्रेड और मक्खन देने की बात कही लेकिन हॉस्पिटल के अंदर कोई भी चीज नहीं दी जा रही है इससे अलावा फल जैसी पोस्ट हार मरीजों के लिए सरकार द्वारा हर संभव मदद करने की स्वास्थ्य मंत्री और क्षेत्रीय विधायक शिव अरोड़ा के प्रयास से अस्पताल में अच्छी से अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने जैसी मूलभूत चीजें यहां के क्षेत्रीय विधायक शिव अरोड़ा का प्रयास मरीजों को अच्छा खाना मिले यहां के क्षेत्रीय विधायक की कोशिश है।

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लेकिन यहां के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से महेश एक थैली दूध मैं कई मरीजों को निपटा दिया जाता है जब के मानक के आधार पर देखा जाए तो सरकार द्वारा हर एक मरीज को 500 ग्राम की बंद दूध की थैली देने की बात मीनू में कही गई है लेकिन ऐसा नहीं है उससे अलावा कैंटीन परिसर में भी सरकारी कैंटीन होने के नाते कारीगर द्वारा सुरक्षा के लिहाज से कारीगर को मानक के आधार पर अपने शरीर को पूरा ढके होना अनिवार्य है लेकिन कैंटीन के अंदर ऐसा कुछ नहीं पाया गया खाना बनाने वाले कारीगर ना तो एप्रोन पहने थे ना सर पर कैप लगाए थे ना हाथ में गलत थे यह बहुत गंभीर समस्या है।

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जबकि यह सारी मानक के आधार पर इन सभी चीजों पर विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए जो हमारी टीम ने वहां का दौरा किया तो अस्पताल परिसर के अंदर बहुत खामियां देखने को मिली है।

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