अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे वन बीट अधिकारी व वन आरक्षी संघ।

ख़बर शेयर करें -

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे वन बीट अधिकारी व वन आरक्षी संघ।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक

 

उत्तराखंड में अभ्यर्थियों को वन दरोगा पद पर नियुक्ति पत्र दिए जाने से विभाग के ही आरक्षियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। वन आरक्षियों ने आज से रामनगर वन परिसर पर यूनियन अध्यक्ष सरजीत सिंह के नेतृत्व में अपनी कई सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना देना शुरू कर दिया है। बता दे कि प्रदेश में वन विभाग में वन आरक्षियों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है। इस धरने के जरिए वन आरक्षियों ने अपनी कई सूत्रीय मांगों को वन विभाग के अफसरों के सामने रखने की कोशिश की है।

यह भी पढ़ें 👉  पुलिस ने अवैध तमंचे व जिंदा कारतूस के साथ एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार।

 

 

 

 

विभाग के इन कर्मचारियों की सबसे बड़ी नाराजगी विभाग के उस निर्णय को लेकर है। जिसके तहत हाल ही में 292 अभ्यर्थियों को वन दरोगा की सीधी भर्ती में चयनित होने के बाद नियुक्ति पत्र दिया गया है। वही वन बीट अधिकारी, वन आरक्षी संघ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। वह लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने से आक्रोशित हैं। उन्होंने उच्च अधिकारियों को अनदेखी का आरोप लगाया है। शीघ्र मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा डीएलएड की प्रवेश परीक्षा प्रदेश भर में किस दिन होगी आयोजित देखिये पूरी खबर। 

 

 

 

शुक्रवार को यूनियन के अध्यक्ष सरजीत सिंह के नेतृत्व में रामनगर प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय में दर्जनों की संख्या में वन आरक्षी पहुंचे। यहां नारेबाजी के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। कहा कि 292 वन दरोगा की नियुक्ति किस आधार पर की गई। जबकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। 10 वर्ष सेवा पूर्ण कर चुके वन आरक्षियों को 2400 के स्थान पर 2800 ग्रेड पे अनुमन्य नहीं हो सका है।

 

 

 

 

वही यूनियन अध्यक्ष सरजीत सिंह ने बताया कि उनकी आठ सूत्री मांगों में पद पर पदोन्नति के लिए कर्मचारी के मूल पद वन आरक्षी व वन दरोगा पर कुल सेवा 16 वर्ष की जाए। मकान किराया, धुलाई, वाहन भत्ता आदि बाजार मूल्य के आधार पर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष में एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए अथवा राजकीय अवकाश प्रदान किए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि उनकी लंबित मांगों की अनदेखी की गई तो वह आंदोलन तेज करेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  यात्रा प्राधिकरण गठित कर आगामी यात्रा की तैयारी में अभी से जुटें अधिकारी - मुख्यमंत्री

 

 

 

 

इस दौरान सरजीत सिंह, मलकीत सिंह, अरुण कुमार, ललित आर्य, अर्चना, रंजना, देवेंद्र सिंह, मोहित रावत, तारा दत्ता डोरबी आदि उपस्थित थे।