रोशनी पाण्डेय – सह सम्पादक

किच्छा यहां एक भाई ने कुछ भूमाफियों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से करोड़ों की कृषि भूमि को अपने नाम दर्ज करा लिया।इस पूरे मामले में किच्छा तेहसील के एक पटवारी की भूमिका भी सवालों में घिरी हुई है। वही इस मामले में कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर पूर्व राजस्व निरीक्षक सहित जालसाजों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कोर्ट के आदेश पर दर्ज रिपोर्ट में किच्छा के गांव रुद्रपुर सानी बखपुर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले परविंदर सिंह पुत्र जरनैल सिंह ने बताया कि गांव घड़सीसर सरदार शहर जिला चुरु राजस्थान के रहने वाले प्रेम सिंह पुत्र शिवदान सिंह ने अपने जमीन संबंधी मामले की पैरवी के लिए पावर आफ अर्टानी दी थी।
वादी परविंदर ने बताया कि प्रेम सिंह,रतन सिंह और जीवराज सिंह उर्फ जयराम तीनों भाई है। इनमें से दस सितंबर 1988 को रतन सिंह की मृत्यु हो चुकी है, और रतन सिंह शादीशुदा नहीं था। उसने दर्ज रिपोर्ट में कहा कि ग्राम गंगापुर चमरान नजीबाबाद क्षेत्र में रतन सिंह के नाम अलग-अलग क्षेत्रों में कई एकड़ भूमि दस्तावेजों में दर्ज थी। उन्होंने बताया कि रतन सिंह व उसके भाई पदम सिंह के साथ मिलकर मृतक रतन सिंह के हकीकी वारिस अमर सिंह का नाम 14 मार्च 1993 को खतौनी में फर्जी और कूटरचित ढंग से अंकित करा दिया, जबकि उस समय जमीन के वारिस उनके भाई प्रेम सिंह व जीवराज सिंह है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राजस्व निरीक्षक और भूमाफियों की मिली भगत से उक्त भूमि में इन लोगों द्वारा फर्जी तरीके से अपने नाम दर्ज करवा दिए गए हैं। वही पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज जांच शुरू कर दी है।
