रोशनी पाण्डेय – सह सम्पादक
इंदौर के कदवाली गांव में डेढ़ माह पहले चार वर्षीय बच्चे की सोते समय हुई मौत का खुलासा हो गया। परनाना ने मुंह दबाकर मासूम को मौत के घाट उतार दिया। आरोपी की हत्या के पीछे यह मंशा थी कि बच्चा नहीं रहेगा तो पोती की दूसरी बार विवाह हो जाएगा। मृतक की मां अपने पति से अलग होकर मायके में रह रह कर पीएससी की तैयारी कर रही है।
कदवाली गांव में दूध व्यवसायी दिनेश चौधरी के घर देवास के बरोठा में रहने वाली उनकी बेटी नीतू चार वर्षीय बेटे श्रेयांश के साथ दो साल से रह रही है। पति से अनबन होने के कारण वह मायके में रह रही है। उसका कोर्ट केस भी चल रहा था।
इस कारण कई बार उसे पिता और चाचा के ताने भी सहना पड़ते थे। नीतू को उसके दादा शोभाराम काफी लाड़ से रखते थे। उन्हें लगता था कि यदि नीतू का चार साल का बेटा रास्ते से हट जाएगा तो नीतू का दूसरी जगह विवाह हो सकता है। बच्चे को संभालने के कारण नीतू की पढ़ाई भी प्रभावित होती थी। यह बात भी दादा शोभाराम को खटकती थी। शोभाराम यह भी सोचने लगा था कि नीतू का बच्चा बड़ा होकर जायजाद में भी हिस्सा मांग सकता है। इसलिए उसने चार साल के मासूम की हत्या की योजना बनाई।
डेढ़ माह पहले आंगन में श्रेयांश शोभाराम के साथ सोया था। शोभाराम ने सोने की चद्दर का तकिया बनाया और उससे चार साल के मासूम का मुंह दबा दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सांस अटकने से मौत की वजह बताई गई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। 80 वर्षीय शोभाराम से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या करना स्वीकारा।