सरकार को लाखों की चपत लगाने वाले नायब नाजिर के खिलाफ आखिरकार पांच साल बाद मुकदमा दर्ज।

ख़बर शेयर करें -

सरकार को लाखों की चपत लगाने वाले नायब नाजिर के खिलाफ आखिरकार पांच साल बाद मुकदमा दर्ज।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

 

हल्द्वानी – सरकार को लाखों की चपत लगाने वाले नायब नाजिर के खिलाफ आखिरकार पांच साल बाद कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। नायब नाजिर पर हल्द्वानी तहसील से 42.32 लाख रुपये गबन करने का आरोप है। आरोपी के खिलाफ पिछले पांच साल से जांच चल रही थी और अब अंतिम रिपोर्ट में पुष्टि हुई तो तहसीलदार सचिन कुमार ने जिलाधिकारी वंदना के निर्देश पर आरोपी के खिलाफ तहरीर दी। कई बार की गई जांच में सामने आया कि आरोपी जफर ने पद पर रहते हुए 42 लाख का गबन किया।

यह भी पढ़ें 👉  देशव्यापी शराबबंदी की मांग को लेकर राजघाट पर सत्याग्रह।

 

 

आरोपी जफर आलम के खिलाफ धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि हल्द्वानी तहसील के नायब नाजिर जफर आलम के खिलाफ पिछले पांच साल से जांच चल रही थी और पांच साल पहले जफर हल्द्वानी तहसील में नायब नाजिर के पद पर तैनात था। वर्तमान में आरोपी जफर नैनीताल तहसील में कार्यरत है।

यह भी पढ़ें 👉  एसएसपी नैनीताल के निर्देश पर सड़क सुरक्षा अभियान तेज, 16 चालक गिरफ्तार, 23 वाहन सीज।

 

 

 

जांच में सामने आया कि जफर ने खतौनी मद ई-जनाधार के लिए आने वाला धन सरकारी कोष में जमा करने के बजाय अपनी जेब में रख लिया। मामले की जांच अब राजपुरा चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार को सौंपी गई है।

 

 

इसके बाद वर्ष 2020 में तत्कालीन तहसीलदार हल्द्वानी नितेश डागर को मामले की जांच सौंपी गई। नितेश ने भी आरोपों की पुष्टि की और रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी। हालांकि जांच यहां भी नहीं रुकी। इसके बाद वर्ष 2021 में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को जांच करने को कहा गया। उनकी जांच में भी आरोप सही पाए गए तो रिपोर्ट फिर जिलाधिकारी को सौंपी गई। इसकी जांच तत्कालीन एसडीएम कोश्याकुटौली प्रमोद कुमार ने भी 2017-18 में मामले की जांच की थी और उन्होंने भी जफर को दोषी पाया था।