नाजिम कुरैशी – संवाददाता
रामनगर व ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले लंबे समय से झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय है जिनकी वजह से कई मासूम और गरीब लोग अपनी जिंदगी गवा चुके हैं। वही स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी देखने को मिली है क्योंकि इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कोई ठोस कार्यवाही ना होने के कारण यह झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ होकर लोगों की जिंदगीयो को दांव पर लगा रहे हैं। अभी दो दिन पूर्व ही पीरुमदारा क्षेत्र में एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के बाद हुई एक किशोरी की दर्दनाक मौत हो गई थी किशोरी की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है।
वही आज रामनगर उपजिलाधिकारी गौरव चटवाल, एवं स्वास्थ्य विभाग से नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत कौशिक और कोतवाल अरुण कुमार सैनी द्वारा संयुक्त रुप से झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई। जिसके बाद कई झोलाछाप डॉक्टर आज भी अपने क्लीनिको को बंद कर मौके से फरार हो गए। मामले में जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत कौशिक ने बताया कि मंगलार रोड में एक क्लीनिक को बंद कर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है
जबकि गैस गोदाम रोड पर भी चल रहे सिटी नर्सिंग होम अस्पताल पर भारी अनियमितताएं पायी गयी जिसके चलते इस अस्पताल को भी एक सप्ताह के लिए बंद करते हुए अस्पताल संचालक पर 60 हजार रुपए का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है। क्योंकि अस्पताल संचालक के द्वारा कोई भी प्रपत्र पेश नहीं किए गए उसके लिए उसको ₹10,000/- का जुर्माना और बीएमडब्ल्यू ना होने पर ₹50,000/- का जुर्माना लगाया गया है।
तथा दोनों क्लीनिक के संचालकों से एक सप्ताह के भीतर आपने सभी सम्बंधित प्रपत्रो को सीएमओ नैनीताल कार्यालय में दिखाने के भी निर्देश दिए गए हैं। वही नोडल अधिकारी डॉ कौशिक ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

