सल्ट में उमड़ा जन सैलाब, रिकॉर्ड तोड़ जीत के लिए जनता ने दिलाया भरोसा।

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सलीम अहमद शाहील – संंवाददाता

रणजीत सिंह रावत के सल्ट पहुँचते ही जनता का उमड़ रहा जन सैलाब, जनता का दिखा रूझान, सल्ट की सीट कांग्रेस के खाते में जाते हुए दिख रही है। विकास पुरुष और जनप्रिय नेता की जरूरत हर जगह होती हैं। और जनप्रिय नेता जनता को अपने साथ लेकर चलने का हुनर जानते है ये बात सही बैठती हैं उत्तराखंड कांग्रेस कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और सल्ट के कांग्रेस के प्रत्याशी रणजीत सिंह रावत पर। यहाँ आपको ये भी जानना जरूरी है कि रणजीत सिंह रावत 2017 में रामनगर से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। लेकिन रामनगर में कांग्रेस की स्थिति ठीक ना होने के कारण रामनगर से चुनाव हार गए थे। अक्सर नेता चुनाव हारने के बाद गायब हो जाते हैं लेकिन रणजीत सिंह रावत ने ऐसा नही किया रामनगर में अपना अस्तित्व खो चुकी कांग्रेस को अस्तित्व में लाने के लिए उसका बीड़ा अपने सर उठा लिया और निकल पड़े अपने समर्थकों के साथ।

 

रामनगर की जनता के बीच कोरोना काल की पहली लहर ओर या दूसरी लहर या फिर रामनगर में आपदा काल में रणजीत सिंह रावत रामनगर की जनता के बीच रह कर हमेशा सेवा करते रहे। कोरोना काल मे जब लगभग सब नेता अपने घरों में बैठे थे। तो रणजीत सिंह रावत उस समय आम जनता और सरकारी कर्मचारियों को पी०पी०ई किट से लेकर खाने पीने की सामग्री उपलब्ध करा रहे थे। जब कोरोना की दूसरी लहर में जब ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ था। और आम जनता ऑक्सीजन सिलेंडर ना मिलने की बजह से मौत के मुँह में समा रही थी। तो रणजीत सिंह रावत ने अपने रामनगर स्थित कांग्रेस कार्यालय को ही ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर वेंटिलेटर सहित डॉक्टरों की व्यवस्था कर हॉस्पिटल में तबदील कर दिया।

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विषम परिस्थितियों में रणजीत सिंह रावत को दिन रात निःस्वार्थ सेवा करते आम जनता देख रही थी। रामनगर की जनता जो खूबियां अपने नेता के अंदर चाहती थी वो सब खूबी रामनगर की जनता को रणजीत सिंह रावत में नजर आ रही थी। रामनगर का विधायक ना होने पर भी रणजीत सिंह रावत ने जनता की सेवा विधायक की तरह ही कि। रणजीत सिंह रावत ओर उनके समर्थकों की ये मेहनत रंग लाई। जो कांग्रेस रामनगर में अपना अस्तित्व खो चुकी थी। अब वो कांग्रेस अपने अस्तित्व में आ चुकी थी। भीतर घात की असंका से बेखर रणजीत सिंह रावत अपने जनता की सेवा में लगे थे, और कांग्रेस पार्टी के आलाकमान से रामनगर से खुद को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने की मांग कर रहे थे। लेकिन भीतर घात के चलते उन्हें रामनगर से टिकट ना देकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को रामनगर से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

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जैसे ही ये खबर रणजीत सिंह रावत के समर्थकों ओर आम जनता को पता लगी तो उनके मन मे आक्रोश व्याप्त हो गया और रणजीत सिंह रावत के घर पे उनके समर्थकों सहित आम जनता का हुजूम उमड़ने लगा। और रणजीत सिंह रावत के ऊपर उनके समर्थकों ओर आम जनता का दवाव निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए बढ़ने लगा ओर रामनगर में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कॉंग्रेस प्रत्याशी घोषित होने पर उनका विरोध बढ़ता ही जा रहा था। दूसरी ओर रणजीत सिंह रावत अपने समर्थकों ओर आम जनता के दवाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाने लगे थे। समय रहते कांग्रेस हाईकमान ने रामनगर की जनता के मूड को भाँपते हुए ओर पार्टी में बगावत की संभावना को देखते हुए कांग्रेस ने रामनगर से हटाकर हरीश रावत को लालकुआं से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

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और रणजीत सिंह रावत को सल्ट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। और रामनगर में डॉ० महेन्द्र पाल को रामनगर से अपना प्रत्यशी घोषित कर दिया। कांग्रेस हाईकमान के फैसले को मानते हुए। अपने समर्थकों सहित आम जनता को किसी तरह समझाकर अपना समर्थन महेन्द्र पाल को देकर कांग्रेस का सच्चा सिपाही होने का फर्ज अदा करते हुए आज सल्ट चले गए, और सल्ट के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और आम जनता को जैसे ही रणजीत सिंह रावत के सल्ट से चुनाव लड़ने की जानकारी मिली तो रणजीत सिंह रावत के समर्थन में जनता का जन सैलाब उमड़ गया। सल्ट की जनता का कहना है कि रणजीत सिंह रावत विकास पुरुष हैं। उन्होंने सल्ट में जितना विकास किया है। वो काबिले तारीफ है हमने रणजीत सिंह रावत को सल्ट से विधायक बनने की ठान ली हैं।

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