साइलेंट जॉन को बनाया अय्यासी का अड्डा, अधिकारी सोये कुम्बकर्ण की नीद।

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साइलेंट जॉन को बनाया अय्यासी का अड्डा, अधिकारी सोये कुम्बकर्ण की नीद।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

 

रामनगर शहर में वन्यजीव संगर्ष के दर्ज़नो घटनाये हो चुकी है लेकिन वह विभाग के अधिकारियों के कान में जू तक नही रेग रही है। मानव की सुरक्षा को लेकर वन विभाग के अधिकारी चाहे जितने बड़े दावे करते हैं लेकिन जब धरातल में देखा जाए तो कुछ भी नहीं है। विकासखंड रामनगर में वन्य जीव संघर्ष को लेकर जितनी भी घटनाएं हुई है उनमें कहीं ना कहीं वन विभाग के अधिकारियों का भी हाथ है क्योंकि अगर यह हो वनों की गाइडलाइन का सही से पालन करते तो कोई भी वन्य जीव ना तो गांव में जाता और ना ही किसी पर हमला करता।

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अभी आज का एक ताजा मामला ग्राम क्यारी का है जिसमें एक रिसॉर्ट दा टाइगर ग्रोव के द्वारा दिन दहाड़े साइलेंट जोन पर बहुत तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहा है। और वन विभाग की भूमि को अतिक्रमण कर कर पार्किंग बनाई गई है और वहीं पर ही दो लोगों को जंगल में सोता हुआ देखा जा सकता है अगर कोई जंगली जानवर इन दोनों लोगों पर हमला करता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

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लेकिन लगता है कि वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी कुंभकरण की नीद सोए हुए हैं उनको किसी की जान जाए, उसका लेना देना नहीं है।प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिक्रमण को लेकर प्रदेश में एक मुहीम छेड़ रखी है। लेकिन वही रामनगर वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वन्य नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं ऐसे अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।