कुंदन कुमार के नेतृत्व में बीते दिनों आयोग की टीम सर्वे के लिए नैनीताल पहुंची थी।

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रोशनी पाण्डेय -सह सम्पादक

नैनीताल।नीति आयोग की ओर से   नैनीताल नगर में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि अन्य शहरों की अपेक्षा यहां किडनी स्टोन, डायबिटीज, हार्ट अटैक जैसी समस्या से अधिकांश लोग ग्रसित है। इसके साथ ही एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है जिसमें नैनीताल शहर ड्रग्स में भी अन्य शहरों से आगे है। यहां अधिकांश लोग नशे का सेवन करते है। किडनी स्टोन, डायबिटीज और हार्ट अटैक का मुख्य कारण शहर में ट्रैफिक, सीमित क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछड़ने माना जा रहा है। जिसमें सुधार लाने के लिए नीति आयोग द्वारा स्वास्थ्य सेक्टर के साथ ही पालिका, पुलिस, एनजीओ को एकजुट कर कार्य करने की योजना बनाई जा रही है। जिसे देश के अन्य पहाड़ी शहरों पर भी लागू किया जाएगा।

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एसडीएम प्रतीक जैन ने बताया कि नीति आयोग यूएस ऐड के साथ मिलकर देशभर में अर्बन हेल्थ केयर गवर्नेंस सुधारीकरण को लेकर सर्वे कर रहा है। इसी क्रम में नीति आयोग के एडवाइजर कुंदन कुमार के नेतृत्व में बीते दिनों आयोग की टीम सर्वे के लिए नैनीताल पहुंची थी। टीम द्वारा बीडी पांडे अस्पताल के सर्वे के साथ ही चिकित्सकों और मरीजों से जानकारी ली गई। बताया कि आयोग द्वारा किए गए सर्वे में शहर में तीन तरह की स्वास्थ्य समस्याएं किडनी स्टोन, लाइफ़स्टाइल डिजीज, अल्कोहल और ड्रग्स से होने वाले रोग सामने आए हैं। बताया कि आयोग द्वारा लुधियाना, वारंगल, मंगलौर और शिलांग में किए गए सर्वे की अपेक्षा नैनीताल में किडनी स्टोन और लाइफस्टाइल डिजीज के मरीज अधिक पाए गए हैं।

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