आईवीआरआई मुक्तेश्वर में वन हेल्थ पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न।

ख़बर शेयर करें -

आईवीआरआई मुक्तेश्वर में वन हेल्थ पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

मुक्तेश्वर, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईवीआरआई), मुक्तेश्वर में भारतीय पशु प्रतिरक्षा एवं जैव प्रौद्योगिकी सोसाइटी (आईएसवीआईबी) का 30वां वार्षिक अधिवेशन शनिवार को सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। समापन समारोह में विभिन्न सत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि डॉ. प्रवीण मलिक, सीईओ एग्री इन्नोवेट इंडिया एवं पशुपालन आयुक्त, भारत सरकार ने कहा कि “वन हेल्थ कोई छोटा विषय नहीं है; इसमें फूड सिस्टम, कृषि, वन्यजीव और पर्यावरण सभी शामिल हैं।” उन्होंने डेटा प्रबंधन को मजबूत करने और केंद्र व राज्यों के बीच समन्वय पर बल दिया। डॉ. मलिक ने आईवीआरआई को “पशु चिकित्सा का मक्का और मदीना” बताते हुए छात्रों से शोध और नवाचार में योगदान देने का आह्वान किया।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री ने प्रदान किया सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों/निकायों में कार्यरत कार्मिकों को 58 प्रतिशत महंगाई भत्ते का अनुमोदन

आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि वन हेल्थ शिक्षा और अनुसंधान का बहुविषयी कार्यक्रम है, जो देश-विदेश की संस्थाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि संस्थान उद्योगों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों के सहयोग से भारत को वैश्विक अनुसंधान मानचित्र पर अग्रणी बनाने की दिशा में कार्यरत है।

यह भी पढ़ें 👉 

उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 23 औद्योगिक प्रायोजक संस्थान के अनुसंधान कार्यक्रमों से जुड़े हैं। आईएल कंपनी बेंगलुरु परिसर में बीएसएल-3 प्रयोगशाला के निर्माण में सहयोग दे रही है, जबकि एमएसपी जैसी संस्थाएं छात्रवृत्तियों के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर रही हैं।

आईवीआरआई ने ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग के माध्यम से वन हेल्थ पर डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू किया है और अगले सत्र से मास्टर डिग्री प्रारंभ करने की योजना है।

आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (शिक्षा नीति एवं मानव संसाधन) डॉ. बिमलेश मान ने वन हेल्थ को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. ज्ञानेंद्र गोंगल ने जलवायु परिवर्तन और ट्रांसबाउंड्री रोगों से निपटने के लिए दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग पर ज़ोर दिया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड पुलिस हाई अलर्ट पर — सीमाओं से लेकर बाजारों तक सघन चेकिंग अभियान शुरू।

एफएमडी निदेशक डॉ. आर.पी. सिंह ने मुक्तेश्वर परिसर के विकास की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण विकास में योगदान देने वाला केंद्र बताया।

कार्यक्रम के समापन पर संयुक्त निदेशक (मुक्तेश्वर) डॉ. यशपाल मलिक ने सभी अतिथियों का आभार जताया और कहा कि सम्मेलन की संस्तुतियाँ संबंधित मंत्रालयों को भेजी जाएंगी, जिससे वन हेल्थ से जुड़ी चुनौतियों के समाधान में मदद मिलेगी।