लावारिस सांड के हमले से महिला गंभीर रूप से घायल, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की सख्त कार्रवाई की मांग।

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लावारिस सांड के हमले से महिला गंभीर रूप से घायल, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की सख्त कार्रवाई की मांग।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

 

लालकुआं। लालकुआं क्षेत्र में लावारिस मवेशियों की समस्या खतरनाक रूप लेती जा रही है। मंगलवार को अंबा बिहार क्षेत्र में एक लावारिस सांड ने घर लौट रही महिला पर हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार, तुलारामपुर निवासी महिला धनपुर दुकान से सामान लेकर अपने घर लौट रही थी। अंबा बिहार के पास एक लावारिस सांड ने अचानक उस पर हमला कर दिया, जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। हमले में उसे खासतौर पर गुप्त अंगों पर चोटें आईं।

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घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और महिला को प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने बताया कि महिला की हालत गंभीर है और उसे विशेषज्ञ देखरेख में रखा गया है।

 

 

 

इस घटना पर सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने प्रशासन से बेसहारा जानवरों के लिए तत्काल आश्रय बनाने की मांग की है। जोशी ने कहा कि लावारिस मवेशियों की बढ़ती संख्या के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस गंभीर समस्या को अनदेखा कर रहा है। उन्होंने घायल हो रहे लोगों की मदद के लिए ठोस रणनीति तैयार करने और इस पर तुरंत अमल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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स्थानीय निवासियों ने भी घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रशासन से मांग की है कि लावारिस मवेशियों को गौशालाओं में भेजने और उनकी देखभाल की व्यवस्था की जाए। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या और विकराल हो जाएगी।

 

 

 

गौरतलब है कि यह पहली घटना नहीं है। बीते कुछ महीनों में क्षेत्र में लावारिस मवेशियों के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कुछ लोगों की जान तक चली गई है। इन घटनाओं ने प्रशासन की उदासीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत प्रभाव से लावारिस मवेशियों के प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने और पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के लिए उचित प्रावधान सुनिश्चित करने की मांग की है।

 

 

 

यह घटना एक बार फिर क्षेत्र में लावारिस मवेशियों की समस्या और उससे जुड़े खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस दिशा में कब और कैसे कदम उठाता है।