अंधेरे में जंगल काट ले जाते हैं लकड़ी तस्कर, वन विभाग की भूमिका पर सवाल।

अंधेरे में जंगल काट ले जाते हैं लकड़ी तस्कर, वन विभाग की भूमिका पर सवाल।
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अंधेरे में जंगल काट ले जाते हैं लकड़ी तस्कर, वन विभाग की भूमिका पर सवाल।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

रामनगर, 16 जुलाई 2025।
रामनगर वन प्रभाग में अवैध लकड़ी कटान और तस्करी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात एक बार फिर कीमती लकड़ी की तस्करी का मामला सामने आया, जब भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मदन जोशी ने कोसी बैराज के पास नए बाईपास पुल पर लकड़ी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोका और इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी।

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मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली को सीज कर लिया। वाहन में शीशम और तून जैसी बहुमूल्य लकड़ी पाई गई। मदन जोशी ने आरोप लगाया कि सूर्यास्त के बाद इस प्रकार से लकड़ी का परिवहन वन अधिनियम का सीधा उल्लंघन है और ऐसी घटनाएं वनकर्मियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।

तराई पश्चिमी वन प्रभाग के एसडीओ मनीष जोशी ने पुष्टि की कि सूर्यास्त के बाद किसी भी प्रकार की लकड़ी निकासी पूरी तरह अवैध है। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर को सीज कर वन अपराध में केस दर्ज कर लिया गया है और दोषियों की जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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🪵 सागौन तस्करी का एक और मामला

सोमवार रात कोसी रेंज की बैलगढ़ चौकी पर वन विभाग की टीम ने चेकिंग के दौरान सागौन से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोका। रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने बताया कि रवन्ना में दर्शाई गई मात्रा से लगभग तीन घन मीटर अधिक लकड़ी पाई गई, जिसकी अनुमानित कीमत Rs. 50,000 है। तस्कर मौके से फरार हो गया, पर ट्रैक्टर को सीज कर वन अपराध दर्ज कर लिया गया है।

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निष्कर्ष:

लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले वन विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़े कर रहे हैं। पर्यावरणीय और संवैधानिक मर्यादाओं की अवहेलना कर जंगलों की इस लूट को रोकने के लिए प्रभावी निगरानी और जवाबदेही जरूरी हो गई है।