उधम सिंह राठौर – सम्पादक
रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन रामनगर द्वारा, व्यापारीयो को आ रही विभिन्न प्रकार की समस्याओं के संदर्भ में जवाइंड कमिश्नर (कार्यपालक) कुमाऊँ रेंज, राज्य कर कार्यालय हल्द्वानी को राज्य कर अधिकारी रामनगर दमयंती जंपानगी के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। जिसमे निम्न बातो की मांग की गई।
1- वर्ष 2017-18 के वादों के निस्तारण में प्रारंभ से ही कोरोना बीमारी के कारण व्यापारी अपना वाद राज्य कर कार्यालय में कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण कराने में असमर्थ रहे हैं और विभाग द्वारा भी उन्हें समुचित नोटिस नहीं दिए गए हैं उसके बावजूद सभी व्यापारी के त्रैमासिक विवरण दाखिल थे और पूर्व में त्रैमासिक विवरण के आधार पर डीम्ड योजना का लाभ लगातार वर्ष (13 -14 ) से व्यापारी को मिला था मगर इस वर्ष 2017-18 के वाद में नहीं मिला है इसलिए विभाग द्वारा कई एकपक्षीय वाद हुए हैं जिन्हें मानवीय दृष्टिकोण से खोला जाना जरूरी है और कोविड-19 के कारण कई व्यापारी समय से धारा 31 का प्रार्थना पत्र नहीं लगा पाए हैं इसलिए धारा 31 के प्रार्थना पत्र की समय सीमा 30 दिन के भीतर की जगह 90 दिन किया जाना जरूरी है वरना अपीलीय अधिकारी पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा एवं अपील में जमानत जमा करने से व्यापारी पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ेगा इसलिए धारा 31 को खोलने की समय सीमा 90 दिन की जाए।
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2- विद्वान अधिकारियों ने कई मामलों में अंतिम स्टॉक पर जबरन कर लगा दिया है और अपनी वेट अधिकारिता का अतिक्रमण करते हुए बगैर व्यापारी व अधिवक्ता को कारण बताओ नोटिस देते हुए उक्त करारोपण किया गया है 30 जून के अंतिम स्टॉक पर मनमानी करारोपण किया गया है अतः उक्त फैसला धारा 30 के तहत सही करने की आवश्यकता है अतः उक्त पर विचार करने की जरूरत है।
३- राज्य कर कार्यालय द्वारा रामनगर के कई व्यापारी को बैंक डाटा के आधार पर 20 लाख से ऊपर का लेनदेन होने पर नोटिस भेजा जा रहा है जिसमें अधिकांश मामलों में जमा 20 लाख से कम है जो की GST की कर योग्य सीमा से कम है मगर अधूरी सूचना के आधार पर नोटिस भेजना व्यापारियों को खुला उत्पीड़न है बैंक का डाटा गलत है।
4- कई वर्षों से संविदाकार (ठेकेदार) के वापसी के आदेश हुए हैं उन्हें भी जल्द से जल्द संविदाकारों को लौटाया जाए डिमांड की तरह रिफंड के वादों का भी निराकरण किया जाए। ज्ञापन देने वालो में रामनगर टैक्स बार के अध्यक्ष- पूरन चंद्र पांडे, सचिव – मों फ़िरोज़ अंसारी, गुलरेज़ रज़ा, मनु अग्रवाल, नावेद सैफ़ी, भोपाल रावत सहित कई अधिवक्ता मौजूद थे।
























