भगवती प्रोडक्टस लिमिटेड के श्रमिकों ने गैरकानूनी छटनी बंदी और कार्य बहाली व बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर श्रम भवन रुद्रपुर में धरना दिया, भुगतान न मिलने तक संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया।

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रोशनी पाण्डेय – सह सम्पदाक

उधम सिंह नगर – छटनीशुदा 303 श्रमिकों की कार्य बहाली और बकाया वेतन भुगतान और 47 श्रमिकों का गैरकानूनी लेआफ को समाप्त करने व सवेतन कार्यबहाली की मांग को लेकर विगत 43 माह से संघर्षरत श्रमिकों ने सहायक श्रमायुक्त उधम सिंह नगर के समक्ष गतिमान अवार्ड परिपालन के जारी सुनवाई में सामिल रहे और श्रम भवन में श्रमिकों की कार्य बहाली न होने तक संघर्ष के ऐलान को जारी रहेगा।ज्ञात हो भगवती प्रोडक्ट लिमिटेड प्लाट 18 सेक्टर 2 आई आई ई सिडकुल पंतनगर में स्थित कंपनी में दिनांक 28-12–2018 से 303 स्थाई श्रमिकों की गई गैर कानूनी छटनी को औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी ने गैरकानूनी घोषित करते श्रमिकों को सभी हित लाभ प्रदान किये थे और माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने आदेश को सही बताते हुऐ आदेश जारी किये।

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हाईकोर्ट नैनीताल के आदेशों के ढाई माह बाद भी कोर्ट के आदेश को अमल में नहीं लाया गया और न ही श्रम विभाग में जारी कार्यवाही से श्रमिकों को कोई हितलाभ प्राप्त नहीं हुऐ हैं और मामले केवल लंबित है। श्रमिकों कि छटनी के दिनांक से ही गैर कानूनी काम बंदी अनिश्चित कालीन लेआफ के रुप में जारी हैं और साथ ही छटनी शुदा श्रमिकों का साथ देने के आरोप में युनियन अध्यक्ष का गैरकानूनी निलंबन कर दिया। कंपनी प्रबंधन द्वारा सिडकुल पंतनगर में कंपनी के मदर युनिट में काम होने का हवाले देकर गैरकानूनी छटनी, लेआफ, और निलंबन जारी है जबकि अन्य इकाइयों में लगातार नये श्रमिकों का नियोजन जारी हैं। वर्तमान में कंपनी में जारी गैरकानूनी लेआफ का वेतन भी श्रमिकों को नियमानुसार नहीं दिया जा रहा हैं।

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कंपनी के समस्त 351 श्रमिकों व आश्रित परिवारों में असंतोष व्याप्त हैं और श्रम विभाग द्वारा न्यायाधिकरण के आदेश और माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों में अवार्ड परिपालन के लिए सुनवाई विगत 30 माह से जारी हैं और श्रमिकों को कार्य बहाली के लिए कोर्ट के आदेश के 30 माह बाद भी न्याय नहीं मिल रहा हैं। आज सामिल श्रमिकों में भवनेस्वरी, नंदन सिंह, ठाकुर सिंह, सूरज सिंह बिष्ट ,लोकेश पाठक, दीपक सनवाल, शिवम गुप्ता, संतोष गुप्ता, दीपक पाण्डे, नरेंद्र मैहरा, गणेश मैहरा नवीन फर्तियाल, कौशल आदि शामिल रहे।

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