रोशनी पाण्डेय – सह सम्पादक
रुद्रपुर- शहर की सिंह कालौनी में संचालित एक वृद्धा आश्रम से दो महिलाओं सहित एक बच्चे को बंधक बनाकर कर रखने का मामला सामने आया है। सूचना पर परिजनों के साथ आश्रम पहुंची पुलिस ने महिला और बच्चे को मुक्त कराया। जबकि आश्रम संचालिका ने बंधक बनाने की बात से इंकार कर दिया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पलिया निवासी महिला के परिजन शांति विहार कॉलोनी स्थित एक मकान पर वार्ड के पार्षद के साथ पहुंचे। वहां एक महिला वह उसके बच्चे को बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया गया। उन्होंने बताया कि मकान में एक मानसिक रूप से कमजोर महिला भी बंधक है। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। पता चला कि मकान में वृद्धा आश्रम संचालित है। इसके बाद पुलिस ने वृद्धा आश्रम की संचालिका को फोन कर मौके पर बुलाया।
संचालिका ने बताया कि वह हल्द्वानी में है और उसे पहुंचने में थोड़ी देर लगेगी। थोड़ी देर बाद आश्रम की प्रबंधक ने किसी अन्य व्यक्ति को चाबी लेकर मौके पर भेजा। जिसके बाद पुलिस ने ताला खोलकर महिला और उसके 12 वर्षीय बच्चे को बाहर निकाला। इस दौरान आश्रम के मुख्य द्वार पर लगे तीन गेटों पर ताला जड़ा हुआ था। महिला व बच्चे को पहली मंदिर पर रखा गया था। वहां पुलिस को एक अन्य बुजुर्ग महिला भी मिली। सभी से पूछताछ के लिए पुलिस उन्हें अपने साथ कोतवाली ले आई। बंधक बनाई गई महिला और उसके बच्चे ने बताया कि उन्होंने पलिया निवासी अपने मौसेरे भाई को बंधक बनाए जाने की सूचना दी थी। इसके बाद वे कुछ लोगों को लेकर यहां महिला व बच्चे को मुक्त कराने आए थे। महिला के परिजनों का आरोप है कि उन्हें वहां खाना नहीं दिया जाता था।
तीनों के गेटों पर ताला लगा कर उन्हें आश्रम संचालिका कैद में रखतीं थी। महिला ने बताया कि आश्रम संचालिका जब भी कहीं बाहर जाती थी तो वह आश्रम के गेटों पर ताला लगा दिया करती थी।इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी ने बताया कि महिला व बच्चे से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

