“भिक्षा नहीं, रोजगार चाहिए”: दिव्यांग महागठबंधन का जोरदार प्रदर्शन।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
दिव्यांग महागठबंधन के बैनर तले आज लखनऊ में दिव्यांगजनों ने भाजपा प्रदेश कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। “भिक्षा नहीं, रोजगार चाहिए” के नारे लगाते हुए दिव्यांगजनों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला।
प्रमुख मांगे:
- लेखपाल पद पर नियुक्ति: चयनित दिव्यांग अभ्यर्थियों को तत्काल नियुक्ति पत्र जारी किया जाए।
- सीजनल अमीनों का स्थायीकरण: सीजनल अमीनों को रिक्त पदों पर विनियमित किया जाए।
- रोजगार और सुरक्षा: दिव्यांगों को सौ फीसदी रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा की गारंटी दी जाए।
- ट्रैफिक वार्डनों की तैनाती: यातायात विभाग में कार्यरत दिव्यांग ट्रैफिक वार्डनों को पुनः चौराहों पर तैनात किया जाए।
नेताओं के तीखे तेवर:
महागठबंधन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार ने सरकार पर दिव्यांगों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए कहा, “हम अपने अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे। सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो हम मजबूती से जवाब देंगे।”
महागठबंधन अध्यक्ष मनीष प्रसाद ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आगामी चुनावों में दिव्यांगजन सरकार को सत्ता से बेदखल कर देंगे।
संघर्ष का संकल्प:
वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव ने कहा, “यह तो बस शुरुआत है। सरकार ने धैर्य की परीक्षा ली तो परिणाम गंभीर होंगे।” वहीं, प्रवक्ता आनन्द तिवारी ने कहा, “हम न झुकेंगे, न हटेंगे। सरकार को हमारी मांगें पूरी करनी ही होंगी।”
आंदोलन में प्रमुख लोग:
आंदोलन में महासचिव वीरेन्द्र कुमार, अध्यक्ष मनीष प्रसाद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव, कोषाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा, प्रवक्ता आनन्द तिवारी सहित कई दिव्यांग संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे।
आगे की रणनीति:
दिव्यांग महागठबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो उनका संघर्ष और तेज होगा। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि दिव्यांगजन अब अपने अधिकार लेकर ही रहेंगे।