पाटकोट की बंजर भूमि पर सिंचाई नहर से किसानों को मिलेगा नया जीवन।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
पाटकोट (नैनीताल) बिगत 22 वर्षों से बन्द पड़ी भक्तौडा (उत्तरी पाटकोट) की एक मात्र सिंचाई नहर अमतोली माइनर का पुनः निर्माण किया जा रहा है। सिंचाई के अभाव में चाहते हुए भी खेती बाड़ी नहीं कर पा रहे थे। समस्त कृषि भूमि में कांटे दार झाड़ियां उग आई है जिनमें जंगली जानवरों ने बसेरा बना दिया है जो पालतू पशुओं को भी नुक़सान पहुंचा रहे हैं। भूस्वामियों द्वारा मजबूरी बस रिजोर्ट आदि के नाम पर बाहरी व्यवसायियों को औने-पौने दामों पर अपनी जमीन बेचना शुरू कर दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सिह मेंहरा एवं तारा सिंह बिष्ट के वर्षों प्रयास के पश्चात 2023 में विभागीय अधिकारियों की सहानुभूति से यहां की चिर बंजर भूमि पर पुनः खेती बाड़ी करने की उम्मीद जगी है।
तराई सिंचाई खण्ड रामनगर नैनीताल के तत्कालीन सहायक अभियंता मान कैलाश चंद्र रजवार एवं अवर अभियंता तरुण बिष्ट के द्वारा स्थलीय मौक़ा मुआयना कर शीघ्र ही बजट की व्यवस्था कर के स्रोत से लगभग 1200 मीटर पाइप व नहर निर्माण किया गया है। शेष लगभग 2.50 किमी निर्माण होना रह गया है जिसके लिए सहायक अभियंता द्वारा शीघ्र निर्माण हेतु आश्वासन दिया गया है।
उक्त माइनर पुनर्निर्माण के बाद उत्तरी पाटकोट की बंजर भूमि पर हरियाली तथा यहां के काश्तकारों के चेहरों पर खुशी लौटने की पूरी आशा जग गई है। स्थानीय काश्तकारों का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने पर वह विभाग के आभारी रहेंगे।।
उक्त माइनर का शेष पुनर्निर्माण कार्य कराये जाने एवं इस पर पूर्व के नियमानुसार रोस्टर व्यवस्था सुचारू किये जाने के सम्बन्ध में स्थानीय काश्तकारों का शिष्टमंडल शीघ्र सहायक अभियंता महोदय को ज्ञापन देने हेतु शिष्टाचार भेंट करेगा।
रमेश सिह मेंहरा
सामाजिक कार्यकर्ता
ग्राम सभा पाटकोट
तहसील रामनगर
जिला नैनीताल (उ.ख.)