इज्जत के नाम पर हैवानियत: पिता और भाई ने बेटी की हत्या कर शव को जंगल में जलाया, इंस्टाग्राम से हुई पहचान।

इज्जत के नाम पर हैवानियत: पिता और भाई ने बेटी की हत्या कर शव को जंगल में जलाया, इंस्टाग्राम से हुई पहचान।
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इज्जत के नाम पर हैवानियत: पिता और भाई ने बेटी की हत्या कर शव को जंगल में जलाया, इंस्टाग्राम से हुई पहचान।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

 

मुजफ्फरनगर।
जनपद में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ इज्जत की झूठी परिभाषा ने एक बेटी की जान ले ली। थाना ककरौली क्षेत्र के कटिया गांव में एक पिता और उसके बेटे ने मिलकर अपनी ही 23 वर्षीय बेटी सरस्वती की गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर शव को पेट्रोल डालकर जलाया, ताकि पहचान न हो सके।

🔍 3 जून को जंगल में मिला था अधजला शव

पुलिस को 3 जून को कटिया गांव के पास जंगल में एक युवती का जला हुआ शव बरामद हुआ था। प्रारंभिक रूप से पहचान मुश्किल थी, लेकिन पुलिस ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर में मिले कड़े से शव की पहचान की। मृतका की पहचान सरस्वती पुत्री राजवीर सिंह निवासी कटिया के रूप में हुई।

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🧩 सोशल मीडिया बना सुराग, पिता और भाई ने उगले सच

शव की पहचान के बाद जब पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की, तो पिता राजवीर और भाई सुमित ने जुर्म कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि सरस्वती के कई प्रेम संबंध थे और शादी के बाद भी वह मायके में प्रेमी से संपर्क में थी, जिससे परिवार को सामाजिक शर्मिंदगी उठानी पड़ रही थी। इसी कारण उन्होंने 30 मई की रात गला घोंटकर हत्या की और फिर शव को जला दिया।

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🚔 एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने की पुष्टि

एसएसपी मुजफ्फरनगर श्री संजय कुमार वर्मा ने बताया कि मामले का खुलासा SHO ककरौली जोगिंदर सिंह की टीम द्वारा अथक प्रयासों से हुआ। सिपाही जोगिंदर और ललित ने सोशल मीडिया और ऐप की मदद से अहम सुराग जुटाए। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों को धारा 103(1) और 238 बीएनएस के तहत जेल भेज दिया गया है। एक अन्य आरोपी गुरदयाल अभी फरार है जिसकी तलाश जारी है।

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🎖️ पुलिस टीम को इनाम

इस ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करने पर:

  • सिपाही जोगिंदर व ललित को ₹500-₹500 नकद पुरस्कार

  • SHO को ₹1000

  • पूरी पुलिस टीम को ₹15,000 का विशेष इनाम देने की घोषणा की गई।


सवाल समाज से: क्या इज्जत की परिभाषा इतनी क्रूर हो सकती है?

इस घटना ने एक बार फिर ‘ऑनर किलिंग’ के खतरनाक मानसिकता की परतें खोल दी हैं, जहाँ अपनी ही बेटी को अपमान समझकर मौत के घाट उतार दिया गया। यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक सोच पर भी गहरा प्रश्नचिह्न है।