भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के लिए मुख्यमंत्री धामी ने दिए सख्त निर्देश।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में 1064 हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने के लिए सभी विभाग अपने स्तर पर प्रभावी कदम उठाएं।
भ्रष्टाचार की शिकायतों पर होगी त्वरित कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 1064 हेल्पलाइन की प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए सभी विभाग विजिलेंस को पूरा सहयोग दें। इसके अलावा, सीएम हेल्पलाइन 1905 और 1064 हेल्पलाइन की संयुक्त रूप से समीक्षा की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सघन जांच के साथ कठोर कार्रवाई की जाए और शिकायतकर्ता की गोपनीयता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों का नियमित रूप से स्थानांतरण किया जाए, ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके। साथ ही, सभी विभागों में भ्रष्टाचार निवारण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं और उन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाए।
तीन वर्षों में 66 ट्रैप, 72 भ्रष्टाचारी गिरफ्तार
बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले तीन वर्षों में 66 लोगों को ट्रैप किया गया है, जबकि 72 भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। इनमें राजस्व विभाग, पुलिस और विद्युत विभाग के कार्मिकों पर सबसे अधिक कार्रवाई की गई है।
वर्ष 2025 में अब तक 1064 हेल्पलाइन और वेबसाइट के माध्यम से कुल 343 शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिन पर कार्यवाही जारी है। रिवॉल्विंग फंड के तहत शिकायतकर्ताओं को ट्रैप की गई धनराशि लौटाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है, जिसमें 33 लोगों की धनराशि वापसी की प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में मौजूद अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुंदरम,
निदेशक सतर्कता वी. मुरूगेशन, विभिन्न विभागों के सचिव एवं विभागाध्यक्ष, तथा वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर बल देते हुए अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि हर विभाग में पारदर्शिता बनी रहे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो










