उत्तराखंड के निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ताशकंद में हुआ विशेष कार्यक्रम, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली किया संबोधित, प्रवासी उत्तराखंडियों से निवेश का किया आह्वान।

उत्तराखंड के निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ताशकंद में हुआ विशेष कार्यक्रम, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली किया संबोधित, प्रवासी उत्तराखंडियों से निवेश का किया आह्वान।
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उत्तराखंड के निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ताशकंद में हुआ विशेष कार्यक्रम

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली किया संबोधित, प्रवासी उत्तराखंडियों से निवेश का किया आह्वान।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

ताशकंद स्थित भारतीय दूतावास में 17 मार्च 2025 को उत्तराखंड के व्यापार, निवेश और पर्यटन संवर्द्धन को लेकर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए उज्बेकिस्तान में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडवासियों और स्थानीय निवेशकों से उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि पहली बार उज्बेकिस्तान में उत्तराखंड को इस प्रकार का मंच मिला है। उन्होंने बताया कि भारत और उज्बेकिस्तान के संबंध 2011 से प्रगाढ़ हैं और यह कार्यक्रम दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाई देगा।

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उत्तराखंड में निवेश की अपार संभावनाएं

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड को निवेश के लिए एक आदर्श स्थान बताते हुए कहा कि राज्य में वेलनेस टूरिज्म, आयुर्वेदिक चिकित्सा, जैविक कृषि और हर्बल दवाओं में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडवासियों को निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि सरकार उनके लिए सुविधाजनक नीतियां बना रही है और हाल ही में आयोजित प्रवासी सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोगों ने राज्य के विकास में योगदान देने का आश्वासन दिया था।

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मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को रेखांकित करते हुए कहा कि देवभूमि अपनी आध्यात्मिक स्थलों, पर्यटन, योग और आयुर्वेद के लिए विश्व प्रसिद्ध है। भारत के प्रमुख शहरों से उत्तम हवाई संपर्क, विश्व स्तरीय सड़क नेटवर्क, बेहतर कानून व्यवस्था और स्थिर राजनीतिक नेतृत्व इसे निवेशकों के लिए अनुकूल बनाते हैं।

भारत-उज्बेकिस्तान के बीच सहयोग को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने उज्बेकिस्तान और उत्तराखंड के बीच पारंपरिक चिकित्सा, आयुर्वेद और शिक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की पहले से ही समरकंद विश्वविद्यालय के साथ जल विज्ञान और जल प्रबंधन पर साझा कार्यक्रम चला रहा है, और भविष्य में अन्य विश्वविद्यालयों को भी इस पहल में जोड़ा जाएगा।

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इसके अलावा, उन्होंने उज्बेकिस्तान की हस्तशिल्प कला और उत्तराखंड के पारंपरिक शिल्प जैसे बांस कला, ऊन बुनाई और अन्य हस्तशिल्पों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की जरूरत बताई। यह कार्यक्रम दोनों पक्षों के व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों को और सशक्त करेगा।

अंत में, मुख्यमंत्री ने उज्बेकिस्तान के नागरिकों को उत्तराखंड आने और इसकी प्राकृतिक सुंदरता एवं समृद्ध संस्कृति का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय निवेश और पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।