धराली आपदा: केंद्र-राज्य सरकारों ने झोंकी पूरी ताकत, सीएम धामी पहुंचे ग्राउंड जीरो।

धराली आपदा: केंद्र-राज्य सरकारों ने झोंकी पूरी ताकत, सीएम धामी पहुंचे ग्राउंड जीरो।
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धराली आपदा: केंद्र-राज्य सरकारों ने झोंकी पूरी ताकत, सीएम धामी पहुंचे ग्राउंड जीरो।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर अंजाम दिया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों की तमाम एजेंसियां दिन-रात राहत कार्यों में जुटी हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खराब मौसम के बावजूद स्वयं ग्राउंड जीरो पहुंचकर हालात का जायजा लिया और प्रभावितों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कोताही न बरती जाए।

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प्रधानमंत्री ने खुद लिया हालात का फीडबैक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई आपदा और राहत कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि लगातार बारिश से कुछ कठिनाइयां जरूर हैं, लेकिन सभी एजेंसियां मिलकर समन्वय के साथ काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिया।

 

 

हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री, चिनूक-एमआई 17 तैनात

राज्य सरकार की मांग पर केंद्र ने तत्काल 02 चिनूक और 02 एमआई-17 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर तैनात किए हैं। चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से भारी मशीनरी धराली भेजी जा रही है। बचाव कार्यों में सेना के 125 जवान, आईटीबीपी के 83 जवान, बीआरओ के 100 से अधिक कर्मचारी जुटे हैं। बीआरओ की टीमें सड़कों को खोलने में जुटी हैं।

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स्वास्थ्य सेवाएं भी अलर्ट मोड पर

आपदा में घायल लोगों के इलाज के लिए देहरादून और ऋषिकेश एम्स सहित कई अस्पतालों में बेड आरक्षित किए गए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें उत्तरकाशी भेजी गई हैं। साथ ही मनोचिकित्सकों को भी तैनात किया गया है, ताकि मानसिक रूप से प्रभावित लोगों की मदद की जा सके।

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राहत शिविर चालू, पुल निर्माण तेज

झाला और हर्षिल में राहत शिविरों की स्थापना की गई है। वहीं, बिजली और संचार सेवाओं को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में जुटे हैं। सरकार ने 3 आईएएस, 2 आईजी और 3 एसएसपी रैंक के अफसरों को उत्तरकाशी भेज दिया है, ताकि अभियान में बेहतर समन्वय हो सके।