कोर्बेट प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीणों पर टाइगर का खतरा, 27 मार्च को होगा उग्र प्रदर्शन, पुलिस प्रशासन से कोर्बेट टाइगर रिजर्व के जिम्मेदार अधिकारीयो पर मुकदमा दर्ज करने की करी मांग।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
रामनगर। कोर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास बसे ग्रामीण अब अपनी सुरक्षा को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। ग्राम सावल्दे पूर्वी में ग्रामीणों की बैठक में संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और 27 मार्च को उप जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया।
ग्रामीणों ने बताया कि टाइगर दिन-रात उनके घरों तक पहुंच रहा है, जिससे उनका जीवन असुरक्षित हो गया है। लेकिन कोर्बेट पार्क प्रशासन लगातार लापरवाही बरत रहा है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। इस मुद्दे पर गांववालों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें:
- जंगली जानवरों से इंसानों, फसलों और मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- टाइगर या अन्य हिंसक वन्यजीवों के हमले में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
- घायलों का सरकारी खर्च पर पूरा इलाज हो और उन्हें 10 लाख रुपये का मुआवजा मिले।
- कोर्बेट पार्क में धारण क्षमता से अधिक टाइगर और लेपर्ड को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए।
कोर्बेट प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज करने और फर्जी मुकदमे रद्द करने की मांग
ग्रामीणों ने कोर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडौला, उपनिदेशक राहुल मिश्रा और रेंज अधिकारी भानुप्रकाश हर्बोला को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया है और पुलिस प्रशासन से इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
इसके साथ ही, रेंज अधिकारी भानु प्रकाश हर्बोला द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज किए गए 5 नामजद और 50 अन्य पर फर्जी मुकदमों को तत्काल रद्द करने की भी मांग उठाई गई।
27 मार्च को बड़ा प्रदर्शन
संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने बताया कि यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता है, तो 27 मार्च को उप जिलाधिकारी कार्यालय पर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर अब चुप नहीं बैठेंगे।










