कमजोर वर्ग के सशक्तिकरण को मिलेगी नई दिशा, चिंतन शिविर में चार मूल मंत्रों पर ज़ोर।

कमजोर वर्ग के सशक्तिकरण को मिलेगी नई दिशा, चिंतन शिविर में चार मूल मंत्रों पर ज़ोर।
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कमजोर वर्ग के सशक्तिकरण को मिलेगी नई दिशा, चिंतन शिविर में चार मूल मंत्रों पर ज़ोर।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

शिक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा और सीधी पहुंच बनी प्राथमिकता | समापन आज

नई दिल्ली।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में देश के वंचित और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के लिए एक स्पष्ट खाका सामने आया है। शिविर के पहले दिन हुई चर्चाओं का मुख्य फोकस चार मूल मंत्रों पर रहा—शिक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा और योजनाओं की सीधी पहुंच

शिविर में केंद्र व राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय और सहभागिता के जरिए समाज के कमजोर तबकों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ठोस रणनीति पर जोर दिया गया। मंत्रालय के अनुसार, इस चिंतन शिविर का मकसद केवल चर्चा नहीं, बल्कि जमीनी बदलाव लाने वाली नीतियों को दिशा देना है।

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शिक्षा को प्राथमिकता, छात्रवृत्ति में देरी न हो

विभाग के सचिव अमित यादव ने सभी राज्यों से आह्वान किया कि वे SC और OBC वर्ग के बच्चों की छात्रवृत्ति संबंधी प्रस्ताव समय पर भेजें। उन्होंने स्पष्ट किया कि “सरकार के पास फंड की कोई कमी नहीं है, बस ज़रूरत है समय पर कदम उठाने की।”


दिव्यांग हितों में उड़ीसा और गोवा मॉडल की सराहना

दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने गोवा और उड़ीसा के उदाहरण साझा किए, जहाँ समुदाय सहभागिता और आंगनबाड़ी-आशा वर्करों के सहयोग से प्रभावशाली काम किया गया है।

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नशामुक्ति अभियान में उत्तराखंड मॉडल की चर्चा

केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने उत्तराखंड के एक युवा का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे नशे की लत से बाहर लाकर उसे नशामुक्ति अभियान से जोड़ा गया, और अब वह खुद इस मुहिम का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने इसे “बुराई से मुक्ति की प्रेरक कहानी” बताया।

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साइन लैंग्वेज में संवाद, समावेशिता का संदेश

दिव्यांग सशक्तिकरण पर केंद्रित एक सत्र में साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की उपस्थिति विशेष आकर्षण रही। मंच से कही गई हर बात को उन्होंने इशारों की भाषा में साझा कर, समावेशी संवाद की मिसाल पेश की।


आज होगा चिंतन शिविर का समापन

चिंतन शिविर के दूसरे दिन यानी आज 8 अप्रैल को समापन सत्र में यह समीक्षा की जाएगी कि बीते दो दिनों की चर्चाओं से क्या ठोस नतीजे और सुझाव सामने आए। केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार समापन समारोह को संबोधित करेंगे और मीडिया से भी वार्ता करेंगे।