रोशनी पाण्डेय – सह सम्पादक
साहिबाबाद की दिव्या उपाध्याय की हत्या के मामले रविवार को पुलिस की जांच के दौरान कुछ और जानकारी सामने आईं। हत्या के आरोपी लिव इन पार्टनर रमन गुर्जर ने पूछताछ में बताया कि वह नहीं चाहता था कि दिव्या एक और बच्चे को जन्म दे। उनकी दो साल की बेटी है। उसे जैसे ही पता चला कि दिव्या गर्भवती हो गई है, वैसे ही उससे कहा कि गर्भपात करा ले। वह इसके लिए राजी नहीं थी। इसी पर विवाद शुरू हो गया था। उसका कहना था कि दूसरी शादी के बाद वह दिव्या से अलग होने की तैयारी कर चुका था। ऐसे में दूसरा बच्चा होने पर अलग होने में दिक्कत आ सकती थी।
शादी के बाद उसे लगा कि हत्या के सिवाय कोई और चारा नहीं बचा है।दिव्या के पिता उमेश का कहना है कि 2020 में बेटी को जन्म देने के बाद बेटी दिव्या 2021 में भी गर्भवती हुई थी। उसके अल्ट्रासाउंड के दस्तावेज भी उन्हें मिले हैं।रमन ने बच्चे का गर्भपात करा दिया था।
इसके बाद 2022 में फिर तीन महीने की गर्भवती होने पर दिव्या का गर्भपात कराने का दबाव बना रहा था जिसके लिए उसने मना कर दिया था।दिव्या की मां बिट्टो ने बताया कि तीन से 12 मई के बीच वसुंधरा स्थित फ्लैट पर रमन चाचा और बहन के साथ पहुंचा था।
चाचा गजेंद्र ने गर्भपात कराने के लिए रमन को 10 हजार रुपये दिए थे।दिव्या के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसके तीन महीने के गर्भवती होने की बात सामने आई है। रमन ने 18 मई को दिव्या की हत्या की थी। इससे पहले तीन मई को उसने दूसरी युवती से शादी कर ली थी।
पुलिस का कहना है कि दोनों के खिलाफ हत्या में रमन का साथ देने के कुछ साक्ष्य मिले हैं। इन पर काम किया जा रहा है।
