हल्द्वानी अलर्ट, रामनगर बेखबर! नशा, अतिक्रमण और अव्यवस्था पर प्रशासनिक रवैये में जमीन-आसमान का फर्क।

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हल्द्वानी अलर्ट, रामनगर बेखबर! नशा, अतिक्रमण और अव्यवस्था पर प्रशासनिक रवैये में जमीन-आसमान का फर्क।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

हल्द्वानी/रामनगर, 4 जुलाई 2025:
हल्द्वानी में नशे और अवैध गतिविधियों के खिलाफ प्रशासनिक शिकंजा कसता जा रहा है, वहीं रामनगर में हालात इसके ठीक उलट हैं। एक तरफ हल्द्वानी में अवैध रूप से शराब परोसने वालों के खिलाफ सघन अभियान चलाया जा रहा है, दूसरी ओर रामनगर में नशे, ट्रैफिक, अतिक्रमण और सफाई जैसे अहम मुद्दों पर प्रशासनिक उदासीनता साफ झलक रही है।

हल्द्वानी में चला संयुक्त प्रवर्तन अभियान

प्रशासन, नगर निगम और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने हल्द्वानी के डेयरी गली (मंगल पड़ाव चौकी के पास) क्षेत्र में अवैध रूप से शराब परोसने वाले प्रतिष्ठानों पर छापा मारा।

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कार्रवाई के दौरान कई रेस्टोरेंट्स से देसी-विदेशी शराब की तीन से अधिक पेटियाँ जब्त की गईं। दो प्रतिष्ठान संचालकों को गिरफ्तार किया गया जबकि छह अज्ञातों के विरुद्ध आबकारी अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। नगर निगम ने आठ उल्लंघनकर्ताओं के चालान भी काटे।

इस अभियान में नगर आयुक्त ऋचा सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, एसडीएम राहुल शाह, आबकारी निरीक्षक धीरेंद्र बिष्ट समेत नगर निगम की टीम मौजूद रही। प्रशासन का कहना है कि ये अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे।

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रामनगर में प्रशासन कुंभकर्णीय नींद में!

वहीं दूसरी ओर रामनगर की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

  • नशे का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है,

  • यातायात अव्यवस्था से लोग परेशान हैं,

  • सड़कों और बाजारों में अतिक्रमण चरम पर है,

  • नदी-नालों की सफाई न होने से बरसात में जलभराव और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पूर्व में नदी-नालों की दुर्दशा को लेकर मीडिया में खबर प्रकाशित की गई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया। अब बरसात शुरू हो चुकी है, लेकिन न तो नालों की सफाई हुई और न ही अतिक्रमण हटाया गया।

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लोगों का कहना है कि रामनगर प्रशासन मानो किसी बड़ी आपदा का इंतजार कर रहा है। प्रशासन की इस उदासीनता को लेकर लोगों में रोष है और उन्होंने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।


क्या रामनगर की नींद कब खुलेगी? क्या जिम्मेदार अधिकारी केवल कागजों पर कार्रवाई दिखाएंगे या धरातल पर कुछ होगा?

यह अब देखने वाली बात होगी कि रामनगर प्रशासन भी हल्द्वानी की तरह सक्रिय होता है या फिर स्थिति और बदतर होने का इंतजार किया जाएगा।