सिंचाई विभाग की नहरों पर होटल स्वामियों और भू माफिया का अतिक्रमण, अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
रामनगर शहर में अतिक्रमण का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। पूरे शहर में हर जगह अतिक्रमण की चादर फैली हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संबंधित विभाग इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिक्रमण हटाने के लिए एक मुहिम शुरू की है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों द्वारा इस मुहिम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
शहर के विभिन्न स्थानों, खासकर सिंचाई विभाग की नहरों पर होटल स्वामियों और भू माफिया द्वारा अतिक्रमण किया गया है। इस नहर को पार्किंग के रूप में उपयोग किया जा रहा है। जब सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की गई, तो उन्होंने कहा कि तीन मीटर की नहर पर पुलिया बनाने की अनुमति जरूरत पड़ने पर ही दी जाती है। लेकिन कई होटल स्वामियों ने नहर के 15 मीटर हिस्से पर अतिक्रमण कर पार्किंग बना ली है।
एक अन्य मामले में, एक कॉलोनी में भू माफिया ने सिंचाई विभाग की गूल पर भी अतिक्रमण कर लिया है। इन मामलों की शिकायत संबंधित अधिकारियों से की गई, लेकिन अधिकारियों ने इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। इससे यह साफ होता है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से यह अतिक्रमण हो रहा है।
इससे पहले भी ऐसे मामलों में ठोस कार्रवाई की कमी देखने को मिली है, और स्थानीय निवासी अतिक्रमण की समस्या से परेशान हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ उठाए गए कदमों की सच्चाई आने वाले समय में ही स्पष्ट होगी। क्या अधिकारियों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए ताकि रामनगर की व्यवस्था सुचारू हो सके।


