दक्षता आधारित आकलन एवं प्रश्न बैंक निर्माण पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
रामनगर (नैनीताल), 19 दिसंबर 2024। उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद्, रामनगर और एनसीईआरटी, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र ‘परख’ के सहयोग से दक्षता आधारित आकलन एवं प्रश्न बैंक निर्माण पर जनपद पौड़ी की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन परिषद् के सचिव वी.पी. सिमल्टी और परख, एनसीईआरटी की टीम मेंबर एवं कार्यशाला पर्यवेक्षक डा. गिरिजा रावत की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य:
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य देशभर के शिक्षा बोर्डों में समतुल्यता स्थापित करना और विद्यालयी शिक्षा में दक्षता आधारित आकलन सुनिश्चित करना है। इसके तहत जनपदों से मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए जा रहे हैं, जो अपने क्षेत्रों में शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।
कार्यशाला में प्रमुख गतिविधियां:
- परिषद् के सचिव वी.पी. सिमल्टी का संबोधन:
- उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम प्रो. इंद्राणी भादुरी के नेतृत्व में पूरे देश में संचालित है।
- राज्य के शिक्षकों और छात्रों को दक्ष बनाने के लिए यह कार्यशाला महत्वपूर्ण कदम है।
- डा. गिरिजा रावत का मार्गदर्शन:
- उन्होंने देशभर के 69 बोर्ड्स की समतुल्यता सुनिश्चित करने के प्रयासों पर चर्चा की।
- बोर्ड्स की परीक्षा प्रणाली, पाठ्यक्रम और आकलन पद्धति में अंतर को कम करने के लिए प्रशिक्षण की महत्ता पर जोर दिया।
- प्रस्तुतीकरण एवं प्रशिक्षण:
- शोध अधिकारी शैलेन्द्र जोशी ने एनईपी 2020, ब्लूम टैक्सोनॉमी और दक्षता आधारित प्रश्न निर्माण पर पावरप्वाइंट प्रस्तुतीकरण दिया।
- प्रतिभागियों से समूह गतिविधियों के माध्यम से दक्षता आधारित प्रश्नों का अभ्यास कराया गया।
- कार्यशाला का संचालन और सहभागिता:
- कार्यक्रम का संचालन शोध अधिकारी सोनम शर्मा ने किया।
- जनपद पौड़ी के 62 विषय विशेषज्ञों सहित परिषद के अन्य अधिकारी, शोध अधिकारी और प्रशिक्षक उपस्थित रहे।
कार्यशाला के दौरान मौजूद प्रमुख व्यक्ति:
- संयुक्त सचिव: श्याम सिंह बिष्ट
- उप सचिव: सुषमा गौरव
- शोध अधिकारी: डा. नंदन सिंह बिष्ट, सोनम शर्मा, के.के. जोशी, डा. रामचंद्र पांडे, कृपा शंकर पांडे, मनोज पाठक
कार्यशाला के पहले दिन की सभी गतिविधियों को प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक संपन्न किया। इसका उद्देश्य उत्तराखंड में दक्षता आधारित आकलन को मजबूती प्रदान करना और इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना है।
(वी.पी. सिमल्टी)
सचिव
उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद्, रामनगर (नैनीताल)